Nitish Kumar: बिहार की राजनीति में एक बार फिर उठापटक देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अपने पार्टी सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि अगर वह अपना काम करते रहे तो वह पार्टी में बने रह सकते हैं, लेकिन रोजाना उकसावे का मतलब है कि उन्होंने कहीं न कहीं समझौता कर लिया है। गौरतलब है कि जदयू की संसदीय कमेटी के अध्यक्ष और बड़े नेता कहे जाने वाले उपेंद्र कुशवाहा अपनी ही पार्टी से नाराजगी के चलते चर्चा में बने हुए हैं।
“जाना है तो जाओ” : Nitish Kumar
पिछले कुछ समय से चल रही इस सियासी हलचल के बाद नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कहा कि अगर कोई आता है और फिर जाता है, तो जाओ। हमें परवाह नहीं है। अगर आप रुकते हैं और काम करते हैं, तो यह ठीक है। लेकिन अगर आप हर दिन बोलते हैं, तो इसका मतलब है कि आपने अपना मन कहीं और बना लिया है। नीतीश कुमार उपेंद्र कुशवाहा के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में होने की अफवाहों की ओर इशारा करते हुए यह बात कही है।
एक दिन पहले ही Upendra Kushwaha ने जारी किया था पत्र
5 फरवरी को उपेंद्र कुशवाहा ने एक पत्र जारी किया था। उन्होने इस पत्र में कहा है कि मैं इतने लंबे समय से जद (यू) की रक्षा के लिए काम कर रहा हूं, लेकिन सीएम नीतीश कुमार इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रहे हैं और इसलिए मैंने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक बुलाई है ताकि हम इस पार्टी को बचाने का हल ढूंढ सकें। उन्होने इस मामले से जुड़ी एक मीटिंग बुलाई है। ये मीटिंग पटना में 19 और 20 फरवरी को रखी गयी है। उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए यह मीटिंग आयोजित करने की बात कही है।
उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ कथित “सौदे” पर जवाब नहीं देने के लिए सीएम नीतीश कुमार पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार और उनके आसपास के लोग इस बात का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं कि जदयू और राजद के बीच कोई ‘सौदा’ हुआ है या नहीं?
उपेंद्र कुशवाहा की चिट्ठी से बिहार की सियासत तेज | VIDEO
या तो नीतीश जी सवाल का जवाब नहीं देना चाहते या कुछ और हो गया है। जदयू नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की ‘अफवाहों’ का खंडन किया था।