Jagdanand Meeting With Lalu Prasad Yadav: राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने अपनी पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की फिलहाल नाराजगी दूर कर दी है। लालू प्रसाद यादव ने जगदानंद सिंह को दिल्ली बुलाकर समझा बुझा दिया और उनसे अपने पद से इस्तीफा नहीं देने को कहा है। दोनों नेताओं की बुधवार को दिल्ली में मुलाकात हुई थी।

बेटे Sudhakar singh के मंत्री पद से हटने के बाद से नाराज थे जगदानंद

मीडिया सूत्रों के मुताबिक जगदानंद सिंह नीतिगत मुद्दों पर अपने बेटे के नीतीश कुमार से मतभेद होने और मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए बाध्य होने पर नाराज हैं। जगदानंद के बेटे सुधाकर सिंह नीतीश कुमार सरकार में कृषि मंत्री हैं। अपने बेटे के इस्तीफे के बाद से जगदानंद सिंह पटना में पार्टी कार्यालय जाना बंद कर दिया हैं। इससे इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि पार्टी के शीर्ष नेता लालू प्रसाद यादव उनकी जगह पार्टी के दूसरे नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दे सकते हैं।

कुछ दिनों में लालू प्रसाद यादव Kidney Transplant के लिए सिंगापुर जाएंगे

इस बीच बुधवार को दिल्ली में जगदानंद सिंह और अब्दुल बारी सिद्दीकी की लालू प्रसाद यादव से मुलाकात हुई। इसके बाद उनके बीच के सारे मतभेद दूर हो गए हैं। अगले कुछ दिनों में किडनी प्रत्यारोपण के लिए लालू प्रसाद यादव सिंगापुर रवाना हो वाले हैं। ऐसे में खुद लालू प्रसाद यादव चाहते हैं कि पार्टी में सामान्य स्थिति बहाल हो जाए।

Media के सवालों का नहीं दिया जवाब

दिल्ली में लालू यादव (से मिलने के बाद जब जगदानंद सिंह बाहर आए तो मीडिया के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया। वे चुपचाप गाड़ी में बैठ गए। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जाने लगे, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि फिलहाल वे अपनी नाराजगी खत्म करके पार्टी में अध्यक्ष बने रहेंगे।

तेजस्वी यादव और आदित्य ठाकरे मुलाकात पर भी जंग

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के बीच बुधवार की मुलाकात को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग छिड़ गयी। बिहार के पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता जीवेश कुमार ने तेजस्वी यादव और आदित्य ठाकरे की मुलाकात को लेकर कहा, ‘‘दिवंगत बाला साहेब ठाकरे की आत्मा यह जानने के लिए बैचेन है कि उनके पोते आदित्य क्या कर रहे हैं। तेजस्वी से युवा नेता क्या सीखने की उम्मीद करते हैं जिन्होंने कम समय में बड़ी संपत्ति अर्जित करने के अलावा कुछ नहीं किया।’’