बिहार में पिछले कई दिनों की सियासी उठापटक के बाद आखिरकार मंगलवार (9 अगस्त, 2022) को भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन तोड़कर नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने पर एबीपी न्यूज के सर्वे के अनुसार, 28 प्रतिशत लोगों ने इसकी वजह आरसीपी सिंह को प्रमोट करना माना है।
एबीपी न्यूज के सर्वे में सवाल किया गया कि बिहार में जदयू का बीजेपी से रिश्ता तोड़ने की क्या वजह मानते हैं। जिसमें 28 प्रतिशत लोगों ने उपराष्ट्रपति नहीं बनाना वजह बताई है। 28 प्रतिशत लोगों ने आरसीपी को प्रमोट करना बताया है। जबकि 14 प्रतिशत लोगों ने एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति की बैठक में चिराग पासवान के शामिल होने को वजह बताई। सबसे अधिक 30 प्रतिशत लोगों ने माना कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपने ही मंत्रियों से मतभेद था, जो इसका सबसे बड़ा कारण रहा।
बता दें, जेडीयू नेता नीतीश कुमार बुधवार (10 अगस्त, 2022) को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह दोपह 2 बजे होगा, जिसमें आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
मंगलवार को सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने राज्यपाल फागूलाल चौहान के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि उनके पास 164 विधायकों और 7 पार्टियों का समर्थन है।
नीतीश कुमार के साथ आते ही राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम समाजवादी लोग हैं, तो हमारे पुरखों की विरासत कोई और लेकर थोड़े लेकर चला जाएगा।उन्होंने पूर्व में नीतीश के साथ रहे अपने रिश्तों को लेकर कहा कि लड़ाई तो हर घर में होती है। उस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं।
तेजस्वी ने कहा, “हम चाचा-भतीजा लोग हैं, लड़े भी हैं। आरोप भी लगाए हैं, लेकिन हम लोग तो समाजवादी लोग हैं ना। तो हमारे जो पुरखों की विरासत है वो कोई और ले जाएगा क्या ? हम लोगों का अधिकार नहीं है क्या ? हर घर में लड़ाई होती है। तो उस पर ध्यान मत देना। इस समय क्या है।”
इसके पहले बिहार बीजेपी के साथ जेडीयू का काफी लंबे समय से टकराव चल रहा था। इसके बीच आज (9 अगस्त को) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के विधायकों और सांसदों के साथ बैठक की इस बैठक के बाद उन्होंने राज्य के राज्यपाल फागूलाल चौहान से मुलाकात करने के लिए राजभवन पहुंचे। इसके पहले पिछले जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस्तीफा देने के बाद से ही जेडीयू के सुर एनडीए के लिए बदले हुए दिखाई दे रहे थे।