Bihar Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी को लेकर पटना हाई कोर्ट ने नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट के जस्टिस पुर्णेंदु सिंह ने एक फैसले के दौरान कहा कि बिहार सरकार शराबबंदी को ठीक से लागू नहीं करा सकी। जिसकी वजह से प्रदेश में अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
कोर्ट ने 9 श्रेणियों में लगातार अपराध बढ़ने को भी शराबबंदी से जोड़ा। पटना हाई कोर्ट ने कहा कि इस कानून से नए तरह के अपराध पैदा हो रहे हैं। शराबबंदी को उसकी वास्तविक भावना से लागू नहीं किया गया। अधिकारी शराब तस्करी को रोकने में लापरवाही बरत रहे हैं। ये सरकारी मशीनरी की विफलता का परिणाम है।
राज्य के बाहर से शराब की तस्करी: हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया कि राज्य मशीनरी की विफलता के कारण बिहार के नागरिकों का जीवन जोखिम में है। राज्य के बाहर से शराब की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। कोर्ट ने कहा कि नेपाल और कई पड़ोसी प्रदेशों से राज्य में शराब की तस्करी हो रही है। टैक्स चोरी के साथ-साथ इस धंधे में नाबालिगों को शराब परिवहन में शामिल किया गया है। साथ ही शराब की तस्करी में नकली रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों का इस्तेमाल हो रहा है।
बिहार में शराबबंदी कानून ठीक से लागू नहीं: जस्टिस पुर्णेंदु सिंह की एकलपीठ ने मंगलवार को अपने 20 पन्नों के आदेश में आठ बिंदुओं पर चर्चा की। एक याचिका की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून के ठीक से लागू नहीं होने के कारण नागरिकों के जीवन और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। हाईकोर्ट ने 20 पेज के आदेश में शराबबंदी कानून के नौ प्रतिकूल प्रभावों की चर्चा की।
कोर्ट ने कहा कि बिहार में 9 श्रेणियों में अपराध में बढ़ोतरी देखने को मिली, जिनमें नाबालिगों में ड्रग का सेवन, ड्रग्स की तस्करी, वाहन चोरी और नकली शराब पीने से होने वाली मौतें शामिल हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि शराबबंदी लागू होने से पहले बिहार में चरस और गांजा की अवैध तस्करी और सेवन के मामले कम आते थे, मगर 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से ऐसे मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।