Bihar News: बिहार के दरभंगा से बहुत ही चौंकाने वाला मामले सामने आया है। दरभंगा के सिमरा निहालपुर का भोला कुमार राम दो महीने पहले लापता हो गया था। उसके परिवार ने गलती से एक अन्य शव की पहचान उसके शव के तौर पर कर ली थी। इतना ही नहीं उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था और यहां तक कि विरोध प्रदर्शन भी किया था। इसकी वजह से एक पुलिस अधिकारी को सस्पेंड भी कर दिया गया था।
भोला कुमार राम के बड़े भाई धीरज ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘मैं हैरान रह गया। हमने कुछ दिन पहले ही अंतिम संस्कार किया था। वीडियो कॉल पर वह बिल्कुल मेरे भाई जैसा दिख रहा था। मैंने उससे हमारे माता-पिता, बचपन की यादों और परिवार के बारे में पूछा।’ भोला नाम का एक व्यक्ति नेपाल से फोन कर रहा था। वह आठ फरवरी को घर से लापता हो गया था। 17 अप्रैल को भोला दरभंगा अपने घर लौटा।
भोला को नेपाल ले जाया गया
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भोला का दावा हैकि उसे ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के पास नागेंद्र झा स्टेडियम से अगवा कर नेपाल ले जाया गया। मामले में दर्ज की गई एफआईआर में भोला के एंप्लोयर, एक स्थानीय भोजनालय के मालिक पर उसे गाली देने, थप्पड़ मारने और काम पर देर से आने के लिए हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। घर वापस आकर परिवार ने भोला की तलाश जारी रखी, यहां तक कि कथित तौर पर 50,000 रुपये की फिरौती के लिए कॉल भी आया। धीरज ने दावा किया कि फिर 26 फरवरी को उन्हें पुलिस से एक कॉल आया जिसमें बताया गया कि डोनर अललपट्टी रेलवे ट्रैक के पास एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति मिला है।
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धीरज ने दावा किया है कि उन्होंने हमें दरभंगा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल आकर उसकी पहचान करने को कहा। अस्पताल में परिवार ने गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की पहचान उसके शरीर के आकार के आधार पर अपने भाई के रूप में की। उसका चेहरा पूरी तरह से सूजा हुआ था और उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। एक मार्च को युवक की मौत हो गई और इसके बाद परिवार और रिश्तेदारों ने पुलिस जांच के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और सड़क को जाम कर दिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि खामियों के चलते मब्बी थाने के एसएचओ को सस्पेंड करने और मुआवजे के बाद विरोध प्रदर्शन खत्म हुआ।
भोला 17 अप्रैल को वापस लौट आया
धीरज के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में भोला को अपने अपहरण करने वाले लोगों से भागने का मौका मिला। धीरज ने बताया कि उसे कुछ अजनबियों ने रोते हुए देखा। उन्होंने फिर हमसे संपर्क किया। वह 17 अप्रैल को वापस लौट आया। भोला ने अब बीएनएसएस की धारा 183 के तहत स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया है और डीएनए टेस्ट का आदेश दिया गया है। इस मामले में कई लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की गई है। इसमें भोजनालय का मालिक भी शामिल है। पुलिस ने कहा कि मालिक को अरेस्ट कर लिया गया है।
दरभंगा के एसएसपी ने क्या बताया?
दरभंगा के एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पटरियों के पास मिले व्यक्ति से डीएनए सैंपल लिए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘आम तौर पर हम किसी अज्ञात व्यक्ति के मामले में सैंपल जांच के लिए भेजते हैं। लेकिन, चूंकि परिवार ने खुद ही उस व्यक्ति की पहचान अपने रिश्तेदार के रूप में की थी, इसलिए सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा गया।’ उन्होंने कहा कि पुलिस दूसरे शव की भी पहचान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘बेंता पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया जाएगा, जिसके अधिकार क्षेत्र में शव मिला है। हम नए सिरे से जांच शुरू कर रहे हैं और मृतक के असली परिवार का पता लगाएंगे।’ बिहार का वो गैंगस्टर जिसने गुरु को ही उतार दिया था मौत के घाट