बिहार में विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी और जेडीयू में सीटों का बंटवारा भी हो गया है। जबकि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी विधान परिषद का चुनाव अकेले लड़ेगी। यानी विधान परिषद में कांग्रेस के साथ आरजेडी का गठबंधन नहीं रहेगा। वहीं बीजेपी और जेडीयू ने आपस में सीटों को बंटवारा कर लिया जबकि जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी को एनडीए गठबंधन ने एक भी सीट नहीं दी।

बता दें कि बिहार विधान परिषद का चुनाव बीजेपी 13 सीटों पर लड़ेगी जबकि जनता दल यूनाइटेड 11 सीटों पर लड़ेगी। वहीं बीजेपी अपने कोटे से पशुपतिनाथ पारस की एलजेपी को एक सीट देगी। जबकि इस गठबंधन में वीआईपी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को एक भी सीट नहीं दी गई है।

सीटें नहीं मिलने पर भड़के सहनी: बिहार में विधान परिषद की एक भी सीट एनडीए गठबंधन की ओर से ना मिलने पर मुकेश सहनी भड़क गए और उन्होंने गठबंधन को धमकी तक दे डाली। मुकेश सहनी ने मीडिया से कहा कि, “बिहार में सरकार सिर्फ माझी और सहनी की वजह से खड़ी है। जेडीयू और बीजेपी सोचते हैं कि वह ताकतवर हैं और उन्होंने सही निर्णय लिया है। यह हिटलर शाही है। हमने फैसला किया है कि हम सभी 24 सीटों पर चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।”

हालांकि सीटें नहीं मिलने पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बताया कि, “2 सीटों की मांग हमारी पार्टी ने की थी, लेकिन 6 महीने पहले से ही उम्मीदवारों ने तैयारी की थी, इसलिए संभव नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि बिहार एमएलसी सीटों के लिए बिहार का सर्वनाश नहीं करेंगे। किसी को भी गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि सीटों के चक्कर में एनडीए में टूट होगी। एनडीए एकजुट है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास हो रहा है।”

बिहार में आरजेडी ने कांग्रेस को नही दी एक भी सीट: वहीं बिहार में कांग्रेस को आरजेडी ने एमएलसी चुनाव के लिए एक भी सीट नहीं दी है। कांग्रेस ने 6 सीटों की मांग की थी लेकिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने साफ शब्दों में कहा कि पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी ने वामदलों के साथ मिलकर सीट समझौते के तहत पहले ही प्रत्याशी तय कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन केंद्र में है।