बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के एक सांसद ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को ‘तुगलकी फरमान’ बताया था। अब पार्टी ने अपने सांसद गिरधारी यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बांका से सांसद गिरधारी यादव ने संसद के बाहर कहा था कि चुनाव आयोग को कोई व्यावहारिक ज्ञान नहीं है। उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग को न तो बिहार का इतिहास पता है और न ही भूगोल, उसे कुछ भी नहीं पता।
सांसद गिरधारी यादव ने क्या कहा था?
सांसद गिरधारी यादव ने कहा, “मुझे सारे दस्तावेज़ जुटाने में 10 दिन लग गए। मेरा बेटा अमेरिका में रहता है। वह सिर्फ़ एक महीने में हस्ताक्षर कैसे कर देगा? यह (श्रीमान) हम पर ज़बरदस्ती थोपा गया है। यह तुगलकी फरमान है चुनाव आयोग का।”
हालांकि बाद में सांसद गिरधारी यादव ने स्पष्ट किया था कि वह अपनी निजी राय दे रहे थे और इससे कोई फर्क़ नहीं पड़ता कि उनकी पार्टी क्या कह रही है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद ख़ान द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, “आप जानते हैं कि कुछ विपक्षी दल, अपने चुनावी नतीजों से हताश होकर, चुनाव आयोग को बदनाम करने के लिए ख़ासकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के मुद्दे पर लगातार अभियान चला रहे हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य एक संवैधानिक संस्था के कामकाज पर जनता में संदेह पैदा करना है।”
कारण बताओ नोटिस में क्या लिखा?
नोटिस में कहा गया, “हमारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने इंडिया गठबंधन में रहते हुए और अब एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद लगातार चुनाव आयोग और ईवीएम के इस्तेमाल का समर्थन किया है। इस संदर्भ में ऐसे संवेदनशील मामले पर (खासकर चुनावी साल में) आपकी सार्वजनिक टिप्पणियां न केवल पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बनती हैं, बल्कि अनजाने में विपक्ष द्वारा लगाए गए निराधार और राजनीति से प्रेरित आरोपों को भी विश्वसनीयता प्रदान करती हैं। जेडीयू आपके आचरण को अनुशासनहीनता मानता है और इस मामले पर पार्टी की घोषित स्थिति के अनुरूप नहीं है। इसलिए आपको इस नोटिस की प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा जाता है, अन्यथा आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।”
बुधवार को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गिरिधारी यादव ने यह भी कहा था, “लोग नौकरशाही की बाधाओं और (SIR के लिए) दस्तावेज़ प्राप्त करने में आने वाली परेशानियों की शिकायत कर रहे हैं। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने मुझे बताया है कि कई जगहों पर अधिकारी रिश्वत मांग रहे हैं।”