आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर आश्चर्य जताया। साथ ही उन्होंने सवाल किया कि क्या यह कदम स्वैच्छिक था या राजनीतिक रूप से सुनियोजित था। उन्होंने कहा कि अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कारण थीं तो धनखड़ सत्र शुरू होने से पहले ही इस्तीफा दे सकते थे।

एएनआई से बातचीत में तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि इस्तीफा स्वैच्छिक था या मजबूरी में दिया गया था। उन्होंने कहा, “मानसून सत्र के पहले दिन उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने सदन का संचालन अच्छे से किया, ऐसे में रात में उनका इस्तीफा देना आश्चर्यजनक है। अब सवाल उठता है कि इस्तीफा दिया गया या लिया गया अगर स्वास्थ्य की बात है तो वह सत्र से पहले इस्तीफा दे सकते थे। चर्चाएं हैं कि इस्तीफा लिया गया, कोई कारण है या नहीं, यह तो वही बेहतर बता सकते हैं।”

वहीं, राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर आरजेडी नेता ने कहा, “भगवान भरोसे बिहार चल रहा है। सरकार और पुलिस कह रही है कि वो हमारी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी नहीं ले सकते। लगातार अपराध हो रहे हैं, लोग डरे हुए हैं, कोई सुन नहीं रहा। मुख्यमंत्री बेहोशी की हालत में हैं, न प्रधानमंत्री कुछ बोलते हैं, न मुख्यमंत्री, जवाबदेही होनी चाहिए लेकिन कोई जवाबदेही लेने को तैयार नहीं है। ये लोग सिर्फ़ बिहार का खजाना लूटने में लगे हैं।”

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तेजस्वी ने भाजपा पर साधा निशाना

तेजस्वी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह नीतीश कुमार के खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर रही है । उन्होंने कहा, “सीएम नीतीश कुमार अचेत अवस्था में हैं। उनके स्वास्थ्य को लेकर भी खबरें आ रही हैं। अगर जगदीप धनखड़ इस्तीफा दे सकते हैं, तो सवाल उठता है कि ऐसी क्या मजबूरी है कि भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा बना रही है ?”

उपराष्ट्रपति पद के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर विचार किए जाने की अटकलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरजेडी नेता ने इसकी तुलना महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम से की। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि जगदीप धनखड़ के साथ जो हुआ, चुनाव के बाद नीतीश कुमार के साथ भी वही होगा । महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के साथ जो हुआ, वही नीतीश कुमार के साथ भी होगा।” पढ़ें- तेजस्वी यादव को ‘अहंकारी युवराज’ बता गए पप्पू यादव?