Bihar News: बिहार (Bihar) के सारण जिले में जहरीली शराब (poisonous liquor) के सेवन से छपरा जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। मढ़ौरा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी योगेंद्र कुमार की अनुशंसा पर एसएचओ रितेश मिश्रा और कॉन्सटेबल विकेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
जहरीली शराब सहन करने के लिए बढ़ानी होगी इम्युनिटी: समीर महासेठ
इस बीच, बिहार के उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने दावा किया कि जहरीली शराब को सहन करने के लिए शरीर की इम्युनिटी बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा, “बिहार में घटिया क्वालिटी की शराब आ रही है जो लोगों के लिए स्लो पॉइजनिंग का कारण बन रही है।” अंत में उद्योग मंत्री ने मीडिया से आग्रह किया कि सरकार के साथ-साथ शराब के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करें। मंत्री 14 दिसंबर को हाजीपुर के कुशवाहा आश्रम में राज्य स्तरीय बॉल बैडमिंटन टूर्नामेंट में अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ उपस्थित थे।
अगर शराबबंदी का श्रेय सरकार ले सकती है, तो जहरीली शराब से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा- समीर महासेठ
वहीं, राजद नेता ने ऐसे मुद्दों से निपटने में सरकार की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “प्रशासन की इस चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा क्योंकि प्रदेश में शराब काफी पहले से प्रतिबंधित है? अगर राज्य में शराबबंदी का श्रेय सरकार ले सकती है तो जहरीली शराब से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा?”
विधानसभा में भड़के नीतीश कुमार
महासेठ ने कहा, “अगर लोग जहर खाकर मर रहे हैं तो कुछ गलत है और इस तरह बिहार ऊंचाई हासिल नहीं करेगा।” इस घटना को लेकर बिहार विधानसभा में हंगामा मच गया जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना आपा खो दिया और भाजपा विधायकों की खिंचाई की। मुख्यमंत्री का दावा है कि शराबबंदी के बाद 1.64 करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। इसे और सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक होना चाहिए। उन्हें समझना चाहिए कि शराबबंदी के बावजूद शराब मिल रही है तो मिलावट होगी ही। ऐसे में शराब पीएंगे तो मरेंगे ही। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान भी चला चुके हैं।