पेट में पल रहे बच्चे की रक्षा के लिए आठ साल की एक मासूम की कथित तौर पर बलि दे दी गई। ताबिज के लिए उसकी आंख तक फोड़ दी गई। मामले के भंडाफोड़ पर पुलिस ने चार लोगों को अरेस्ट किया है।
यह सनसनीखेज मामला बिहार के मुंगेर का है। पुलिस ने सोमवार (नौ अगस्त, 2021) को इस बारे में बताया कि आठ साल की मासूम की हत्या कथित तौर पर एक स्थानीय फकीर द्वारा बताई गई मानव बलि की रस्म के तहत की गई। बच्ची की लाश मुंगेर जिले में पांच अगस्त को गंगा के किनारे मिली थी। हालांकि, पीड़िता के घर वालों का आरोप है कि बेटी की रेप के बाद हत्या की गई, जबकि पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस ने जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, उन पर किडनैपिंग और मर्डर का आरोप है। मुंगेर एसपी जेजे रेड्डी ने पत्रकारों को बताया, “खुद को तांत्रिक बताने वाले परवेज आलम ने स्थानीय ग्रामीण दिलीप कुमार चौधरी को बताया था कि उसे अपनी पत्नी के पेट में पल रहे बच्चे की रक्षा के लिए एक लड़की की बलि देनी होगी।”
चार आरोपियों में से एक चौधरी के चार बच्चे हैं और वह पांचवीं संतान चाहता था। वह इसके लिए आलम के संपर्क में आया था, जो कि खगड़िया जिले का निवासी है। चौधरी के दावे के मुताबिक, आलम ने उससे 10 साल के लड़के या लड़की की आंख की मांग की थी, ताकि वह उस नाबालिग के खून और आंखों से महिला के लिए एक “पवित्र” ताबिज तैयार कर सके। मुख्यारोपी दिलीप ने पुलिस को बताया कि उन लोगों ने आलम के कहने पर घटना को अंजाम दिया।
पुलिस ने कहा कि अन्य दो आरोपियों में तनवीर आलम और दशरथ कुमार हैं, जो कि आलम और चौधरी का साथ दे रहे थे। तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची चार अगस्त की शाम को लापता हुई थी, जबकि अगले दिन उसकी लाश गंगा किनारे मिली थी। पुलिस ने बताया कि चौधरी, तनवीर और दशरथ ने लड़की को तब पकड़ा था, जब वह मछुआरे पिता को खाने देकर घर लौट रही थी।
तीनों ने उसे ईंट भट्टे के अंदर घसीटा और फिर पीटा। बाद में उसका गला दबा एक आंख फोड़ दी। पुलिस के अनुसार, बच्ची के शरीर पर चोट के भी निशान थे, जिससे शुरुआत में लग रहा था कि उसके साथ बलात्कार किया गया था। एसपी ने बताया कि पुलिस ने खून से सने कपड़े और एक पेंडेंट फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। रेड्डी के अनुसार, मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्ट नहीं हुई है।