बिहार चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी चरम पर है। तमाम बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं। महागठबंधन और एनडीए दोनों के घोषणा पत्र भी सामने आ चुके हैं। इसी बीच, राजद (राष्ट्रीय जनता दल) ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। पार्टी का कहना है कि चुनाव के दौरान महिलाओं के खातों में सीधे पैसे भेजना आचार संहिता का उल्लंघन है।
राजद की ओर से दिए गए पत्र में कहा गया है कि बिहार सरकार ने 17, 24 और 31 अक्टूबर को महिलाओं के खातों में ₹10,000 की पहली किस्त ट्रांसफर की है। जबकि दूसरी किस्त 3 नवंबर को दी जाएगी, जो कि दूसरे चरण की वोटिंग से केवल तीन दिन पहले है।
राजद नेता मनोज झा ने कहा कि यह पूरी तरह से मॉडल आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि 6 अक्टूबर से आचार संहिता लागू हो चुकी है, ऐसे में सरकारी फंड से किसी योजना के तहत लाभ बांटना सीधे-सीधे वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश है। इससे निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।
राजद ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान इस तरह का कैश ट्रांसफर वोटरों को आर्थिक लाभ देने का प्रयास है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। लालू यादव की पार्टी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि इस योजना पर तुरंत रोक लगाई जाए और इस मामले में कार्रवाई की जाए। पार्टी ने स्पष्ट किया कि सभी को चुनाव में बराबरी का मौका मिलना चाहिए और सरकारी संसाधनों का उपयोग चुनावी फायदे के लिए नहीं होना चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग 9 नवंबर को होगी। जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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