बिहार चुनाव को लेकर एनडीए ने सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने 101, चिराग ने 29, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। अगर एनडीए के उम्मीदवारों का विश्लेषण किया जाए तो पता चलता है कि जातियों पर खास फोकस रखा गया है। महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में भी प्राथमिकता दी गई है।

बीजेपी की लिस्ट की बात करें तो उसने 16 सीटों पर टिकट काटे हैं, 55 को रिपीट किया है। वहीं, बड़े मंत्रियों को फिर चुनावी मौका दिया है। बीजेपी के जो 101 प्रत्याशी हैं, उनमें 30 नए चेहरे हैं, जहां पब्लिक पर्सनालिटी से लेकर दूसरे क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स को मौका दिया गया है। बीजेपी ने अपनी उम्मीदवारों में किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को जगह नहीं दी है। पार्टी के जातीय समीकरण में ओबीसी और अन्य वर्गों पर खास ध्यान दिया गया है। बीजेपी के उम्मीदवारों में 13 महिलाओं को मौका मिला है, जिनमें से एक 2020 में भी प्रत्याशी रही थीं।

बीजेपी ने जिन विधायकों को फिर से मौका नहीं दिया, उनमें पटना साहिब से नंदकिशोर यादव, कुमहरार से अरुण सिन्हा, आरा से अमरेंद्र प्रताप सिंह, रीगा से मोतीलाल प्रसाद, राजनगर से रामपुरी पासवान, रामनगर से भागीरथी देवी और नरकटियागंज से रश्मि वर्मा को टिकट नहीं मिला है।

बीजेपी के नए चेहरों की बात करें तो लोक गायिका मैथिली ठाकुर को अलीनगर से टिकट मिला है, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा को बक्सर से उतारा गया है, युवा दलित नेता सुजीत पासवान को राजनगर से टिकट मिला है, और छोटी कुमारी को छपरा से उम्मीदवार बनाया गया है।

बीजेपी के उम्मीदवारों में दिलचस्प नाम रणविजय सिंह का भी आता है, जो उनके सहयोगी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में जब उन्हें गोह सीट से टिकट नहीं मिली थी तो वे बीजेपी में शामिल हो गए थे।

पटना की चार सीटों पर भी बीजेपी ने जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है। कुमहरार से वर्तमान विधायक अरुण कुमार सिन्हा की जगह संजय गुप्ता को टिकट दिया गया है। पटना साहिब से नंद किशोर की जगह रत्नेश कुशवाहा को उतारा गया है। जानकार मानते हैं कि बीजेपी का ओबीसी चेहरे पर खास फोकस रहा है।

जदयू के उम्मीदवारों की बात करें तो इस बार उसने चार मुस्लिम चेहरों को मौका दिया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा अधिक था। जदयू की लिस्ट में 13 महिलाएं भी दिखाई दे रही हैं, जिनमें से कुछ विधायकों को फिर से मौका मिला है।

जदयू के 101 उम्मीदवारों में से 59 ईबीसी और ओबीसी हैं। ईबीसी को 22 टिकट मिले हैं। वहीं, नीतीश कुमार की जाति कुर्मी पर एक बार फिर खास ध्यान दिया गया है और 12 प्रत्याशी इसी जाति से घोषित किए गए हैं। पिछले कई सालों से बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का ध्यान ईबीसी, कुशवाहा और कुर्मी पर रहा है। इसके अलावा, आठ यादव और चार अन्य जातियों को भी जदयू की उम्मीदवारी लिस्ट में शामिल किया गया है। पार्टी की तरफ से पांच प्रत्याशी मुसहर और रविदासी समुदाय से भी रखे गए हैं।

वैसे एनडीए के अलावा कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है, कुछ दूसरी क्षेत्रीय पार्टियां भी मैदान में सक्रिय हो चुकी हैं। ऐसे में एक ही जगह पर आपको सभी उम्मीदवारों की डिटेल दे देते हैं। उस खबर को पूरा पढ़ने के लिए तुरंत यहां क्लिक करें