बिहार चुनाव से पहले ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल के दिग्गज नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से नाराज़ होकर इस्तीफा दे दिया है। रघुवंश के इस्तीफे से बिहार की सियासत में घमासान मच गया। जिसके बाद चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने खास सहयोगी रघुवंश प्रसाद सिंह को भावनाओं से भरा एक खत लिखा है। लालू के इस खत को सत्तारूढ़ जनता दल-युनाइटेड ने जेल मैनुअल का उल्लंघन बताया है।
लालू के खत पर सवाल खड़े करते हुए बिहार सरकार में सूचना और जनसंपर्क विभाग के मंत्री एवं जदयू नेता नीरज कुमार ने नाराजगी जाहिर की है। नीरज कुमार ने कहा कि राजद प्रमुख एवं सजायाफ्ता लालू यादव का जेल में दरबार लगाने से भी मन भरा नहीं है। कुमार ने लालू यादव पर जेल मैनुअल की धारा 999 की धज्जी उड़ा देने का आरोप लगते हुए कहा कि जेल मैनुअल के अनुसार किसी भी कैदी द्वरा राजनीतिक पत्र व्यवहार नहीं किया जा सकता है। नीरज कुमार ने सवाल उठाते हुये कहा कि फिर जेल अधीक्षक ने लालू यादव को पत्र लिखने के लिये अनुमित कैसे दी। वहीं नीरज कुमार ने चेताते हुये कहा कि जान लें, कानून के हाथ लंबे होते हैं।
वहीं लालू ने रघुवंश प्रसाद सिंह को पार्टी बने रहने के लिये मनाया। साथ ही उनका हाल-चाल जाना गया। लालू यादव ने उनके जल्द ठीक होने की कामना भी की। लालू यादव ने पत्र में कहा कि भाई रघुवंश प्रसाद सिंह पहले आप स्वस्थ हो जाओ। फिर हम मिल-बैठकर बातचीत करेंगे।
आरजेडी प्रमुख ने लिखा, ‘प्रिय रघुवंश बाबू,आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है। मुझे तो विश्वास ही नहीं होता। अभी मेरे, मेरे परिवार और मेरे साथ मिलकर सिंचित राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है। चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर ही विचार किया है.। आप जल्द स्वस्थ हो, फिर बैठकर बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे है। समझ लीजिए….आपका लालू प्रसाद।’
बता दें कि लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.। दरअसल, रघुवंश प्रसाद सिंह पार्टी में रामा सिंह की एंट्री और तेजस्वी यादव के मनमाने रवैये से काफी समय से नाराज चल रहे थे। काफी दिनों से उनका मन मनौवल भी किया जा रहा था लेकिन आखिरकार उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पटना ऐम्स एमने भर्ती रघुवंश प्रसाद ने इस संबंध में खुद अपने हाथों से लालू यादव को पत्र लिखकर सूचित किया था।