बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ 20 दिन का समय रह गया है। कोरोनाकाल की वजह से चुनाव आयोग ने प्रचार को लेकर कई गाइडलाइंस जारी की हैं। हालांकि, अपनी ताकत का प्रदर्शन करने वाले ज्यादातर उम्मीदवार किसी भी गाइडलाइन का ढंग से पालन नहीं कर रहे। यहां तक की अपने समर्थकों के लिए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से भिड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ताजा मामला राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक विधायक से जुड़ा है। एमएलए ने यहां नक्सलियों से संबंध होने की बात कहते हुए पुलिस थाने को ही उड़वा देने की धमकी दी है।
मामला जगदीशपुर के विधायक रामविशुन से जुड़ा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें रामविशुन को अपने समर्थकों पर से मुकदमे खत्म करने के लिए पुलिस का दबाव बनाते देखा जा सकता है। एक जगह रामविशुन कहते हैं- “हम साधारण विधायक नहीं हैं। मेरा लड़का एमसीसी (नक्सली संगठन) को 3 लाख रुपए देता है। थाना खुद को पावरफुल न समझे, हम गोली-बंदूक चलवा देंगे।
विधायक यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने संबंध नक्सलियों से होने का इशारा करते हए कहा कि अगर उनका काम नहीं हुआ तो वे थाने को ही उड़वा देंगे। हालांकि, MLA के समर्थकों ने इस वीडियो पर सफाई देते हुए कहा है कि विधायक जी कह रहे थे कि थाना उनके समर्थकों को 24 घंटे में छोड़े वरना वे धरना देंगे।
राजद प्रवक्ता ने कहा- मामले का संज्ञान लेंगे: अपने विधायक के वायरल हुए वीडियो पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि विरोधी आमतौर पर इस तरह के झूठी बातें वायरल करते हैं। लेकिन राजद आलाकमान इस मामले का संज्ञान लेगा।
राजद विधायक पर कोविड-19 प्रोटोकॉल तोड़ने के लिए एफआईआर: आचार संहिता और कोविड-19 के प्रोटोकॉल उल्लघंन करने के आरोप में राजद प्रत्याशी रेखा देवी और राजद के प्रखंड अध्यक्ष आदर्श कुमार आर्या उर्फ राकेश पंडित के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, राजद प्रखंड अध्यक्ष द्वारा 6 अक्टूबर को गांधी मैदान में चुनावी सभा करने की मांगी गई, जिसके इजाजत दे दी गई थी। हालांकि, इसमें उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कराया, जिसके तहत सभा में 100 से ज्यादा लोग नहीं जुट सकते थे। इसके अलावा सभा में मौजूद लोगों ने सामाजिक दूरी और मास्क का प्रयोग भी नहीं किया गया था।