Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू को बड़ा झटका लगा है। पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा और घोसी के पूर्व विधायक राहुल शर्मा और बांका के सांसद गिरिधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश रंजन शुक्रवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की मौजूदगी में आरजेडी में शामिल हो गए। इसी कार्यक्रम में लोजपा (रामविलास) नेता अजय कुशवाहा भी आरजेडी में शामिल हुए।
सूत्रों के मुताबिक, संतोष कुशवाहा ने पूर्णिया से लोकसभा सीट लगातार दो बार जीती थी, लेकिन पिछले साल निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव से हार गए थे, वह जेडीयू मंत्री और धमदाहा (पूर्णिया) विधायक लेशी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। राजनीतिक दिग्गज जगदीश शर्मा के बेटे शर्मा जहानाबाद की घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि रंजन के बांका जिले की किसी सीट से चुनाव लड़ने की संभावना है।
जेडीयू धीरे-धीरे बिखर रही- तेजस्वी यादव
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अजय कुशवाहा वैशाली या किसी अन्य सीट से टिकट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। उनके शामिल होने को आरजेडी की कुशवाहा समुदाय और भूमिहार को अपने पाले में लाने की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। नेताओं का स्वागत करते हुए तेजस्वी ने उन्हें आरजेडी के लिए एक बड़ा योगदान बताया। आरजेडी नेता ने कहा, “इन चारों के हमारे साथ आने से पार्टी और मजबूत होगी और सामाजिक न्याय का हमारा आदर्श वाक्य पूरी तरह साकार होगा। मैं शुरू से कहता रहा हूं कि मेरे चाचा (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) अपना होश खो बैठे हैं और जेडीयू धीरे-धीरे बिखर रही है। बीजेपी धीरे-धीरे इसे निगल जाएगी।”
ये भी पढे़ं: मायावती का 2027 में 2007 का फार्मूला, बिहार में नींद उड़ा रहे प्रशांत-ओवैसी
जेडीयू ने बोला हमला
दलबल पर प्रतिक्रिया देते हुए जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “हमारे तीन नेता जो आरजेडी में शामिल हुए थे, वे किसी विचारधारा के कारण नहीं, बल्कि राजनीतिक अवसरवाद के कारण जेडीयू छोड़कर गए। यह अच्छा हुआ कि अब उनसे छुटकारा मिल गया।” आरजेडी में शामिल होने के बाद संतोष कुशवाहा ने कहा, “तीन नेताओं (केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय के झा और बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी) ने जेडीयू पर कब्जा कर लिया है। जेडीयू ‘लव-कुश’ (ओबीसी कुर्मी और कोइरी), अति पिछड़े और दलितों के सहारे खड़ी है। अब इस पर बिना किसी जनाधार वाले लोगों का कब्जा है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष (उमेश कुशवाहा) एक द्वारपाल से ज्यादा कुछ नहीं हैं।”
शर्मा ने कहा, “बिहार के हर परिवार के लिए एक नौकरी का आश्वासन देने के लिए मैं तेजस्वी जी की सराहना करता हूं। बेरोजगारी सभी जातियों में फैली हुई है। ऊंची जातियां भी अन्य जातियों की तरह बेरोजगारी का खामियाजा भुगत रही हैं।” अजय कुशवाहा ने कहा, “हमें सामाजिक और आर्थिक न्याय के बड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तेजस्वी का साथ देना होगा। मेरे पूर्व नेता ( चिराग पासवान ) अभी नए हैं, कभी नीतीश कुमार की आलोचना करते हैं तो कभी उनके आगे नतमस्तक भी हो जाते हैं।”
जेडीयू सांसद के बेटे ने भी थामा आरजेडी का दामन
चाणक्य प्रकाश रंजन के पिता जेडीयू के सांसद हैं और उसके बाद भी उन्होंने आरजेडी में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी जी मेरे बड़े भाई जैसे हैं। मैं बिहार के लिए उनके दृष्टिकोण से प्रभावित हूं। मैं उनके लिए अपना योगदान देना चाहता हूं।” उनके पिता गिरिधारी यादव ने राज्य में एसआईआर की आलोचना करते हुए कहा था कि चुनाव आयोग द्वारा इस प्रक्रिया में जल्दबाजी के कारण मतदाताओं को परेशानी उठानी पड़ी।
ये भी पढे़ं: बिहार में लालू प्रसाद यादव ने दाखिल किया नामांकन लेकिन आरजेडी वाले नहीं