बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की जबरदस्त बढ़त के बीच राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर तेज हो गया है। इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा कि बिहार की स्थिति को देखकर उन्हें अपनी हालत पर कम दुख होता है, क्योंकि वहां भी मुद्दों और कामकाज के आधार पर वोटिंग का पैटर्न कमजोर दिखाई देता है।
‘बिहार को देखता हूं तो अपनी हालत पर कम दुख होता है’
उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘जब मैं बिहार की हालत देखता हूं तो अपनी हालत पर दुख कम होता है। मुझे पहले से ही पता था कि बडगाम का चुनाव आसान नहीं होगा। बडगाम के अपने ही कुछ अलग हालात हैं। यहां एक ऐसा तबका है, काफी बड़ा तबका है वोटरों का, जो मुद्दों पर वोट नहीं देता। बडगाम में सिर्फ काम देखकर वोटिंग नहीं होती। बडगाम में बहुत बड़ा तबका वोटरों का ऐसा है जो धर्मों के पीछे चलकर वोट देते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘…तो मुझे पहले से ही मालूम था कि जिस तरह से हालात बन रहे हैं, बडगाम में हमारे लिए आसान नहीं होगा, लेकिन जब मैं बिहार का हाल देखता हूं और मैं यह देखता हूं कि यह वह बिहार है, जहां वोट चोरी के नाम पर जब यात्रा चली, तो उस यात्रा में काफी संख्या में लोग उस यात्रा के साथ जुड़े।’
उमर अब्दुल्ला ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस ने ‘वोट-चोरी यात्रा’ के बाद बड़ी सफलता की उम्मीद की थी, लेकिन नतीजों ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘…तो उस यात्रा के बाद कांग्रेस को लगा कि ढेर सारी सीटों पर कामयाबी मिलेगी। उसी यात्रा की बुनियाद पर शायद सीट शेयरिंग और ज्यादा मुश्किल हुआ, लेकिन जब हम नतीजे देखते हैं तो ऐसा नहीं हुआ।
नीतीश कुमार की रणनीति पर भी की टिप्पणी
एनडीए की भारी बढ़त और नीतीश कुमार के दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने की संभावना पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह जीत सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि रणनीति का परिणाम है। उन्होंने कहा, नतीजे बताते हैं कि नीतीश कुमार ने एंटी-इंकम्बेंसी को अपने पक्ष में मोड़ लिया। बिहार चुनाव में बजाय यह कि नीतीश कुमार एंटीइंकम्बेंसी का शिकार हों, उन्होंने एंटीइंकम्बेंसी को इंकम्बेंसी में तब्दील करके, हुकूमत का फायदा लेकर, कहते हैं कि 10वीं बार जीते हैं। दसवीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे। यह अपने आप में कोई मामूली बात नहीं है।’
उमर अब्दुल्ला ने नीतीश की जीत से अन्य राज्यों को भी सीख लेने की सलाह दी। उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘अच्छा होगा अगर बाकी रियासतें भी सीखें कि आखिरकार उन्होंने क्या किया वोटरों के लिए, जोकि दूसरों जगहों में किया जा सकता है। एक चीज तो जरूर देखने को मिलती है कि नीतीश कुमार साहब ने जाति और कास्ट को एक तरफ रखकर जो महिलाओं के लिए, जो औरतों के लिए और जो विशेष स्कीमें महिलाओं के लिए बनीं, उसका उनको भरपूर फायदा जरूर मिला।’
