डेहरी विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक कहानी बिहार की किसी भी अन्य सीट से अलग है। 1951 से लेकर 2020 तक हुए कुल 17 विधानसभा चुनावों में से 11 बार मुस्लिम उम्मीदवारों ने यहां जीत का परचम लहराया है। डेहरी की राजनीतिक चर्चा मोहम्मद इलियास हुसैन के नाम के बिना अधूरी है। उन्होंने इस सीट से पांच बार जीत हासिल की है। खास बात यह है कि उन्होंने 1990, 1995, और 2000 में लगातार तीन बार (हैट्रिक) जीत दर्ज की। हालांकि, उन्होंने यह जीत अलग-अलग पार्टी के टिकट पर दर्ज की है। डेहरी विधानसभा सीट की एक और दिलचस्प बात यह है कि पिछले 17 चुनावों में केवल 9 नेताओं ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है।

डेहरी विधानसभा सीट पर 2020 के विधानसभा चुनाव में RJD के कैंडिडेट फतेह बहादुर सिंह ने महज 464 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्हें 64, 567 वोट हासिल हुए थे। फतेह बहादुर ने BJP प्रत्याशी सत्य नारायण सिंह को हराया जिनके हिस्से 64,103 वोट आए थे।

डेहरी विधानसभा चुनाव 2020 के परिणाम

साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी उम्मीदवार फतेह बहादुर सिंह ने डेहरी सीट पर जीत दर्ज की थी । उन्हें 64, 567 वोट मिले थे और उनका वोट शेयर 41.57% रहा था। फतेह ने BJP प्रत्याशी सत्य नारायण सिंह को हराया था जिन्हें 64,103 वोट (41.27%) मिले थे। राष्ट्र सेवा दल के उम्मीदवार प्रदीप कुमार 9070 वोट (5.84%) के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

पार्टीप्रत्याशीवोट
आरजेडी फतेह बहादुर सिंह 64, 567
बीजेपी सत्य नारायण सिंह 64,103
राष्ट्र सेवा दलप्रदीप कुमार 9,070

डेहरी विधानसभा चुनाव 2015 के परिणाम

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में, आरजेडी के उम्मीदवार मोहम्मद इलियास हुसैन ने डेहरी सीट जीती थी। उन्हें 49,402 वोट मिले थे और उनका वोट शेयर 33.92% रहा था। आरएलएसपी के जितेंद्र कुमार 45,504 वोट (31.24%) पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, राष्ट्र सेवा दल के उम्मीदवार प्रदीप कुमार 29,541 वोट (20.28%) के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।

पार्टीप्रत्याशीवोट
आरजेडी मोहम्मद इलियास हुसैन 49,402
आरएलएसपी जितेंद्र कुमार45,504
राष्ट्र सेवा दलप्रदीप कुमार 29,541

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2019 उपचुनाव में डेहरी सीट पर भाजपा की पहली जीत

डेहरी की राजनीतिक कहानी में सबसे दिलचस्प अध्याय 2005 और 2010 का है। इन दो चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, और वो भी पति-पत्नी की जोड़ी ने। 2005 में प्रदीप कुमार जोशी ने निर्दलीय के रूप में राजद के मोहम्मद इलियास हुसैन को हराया था। इसके बाद 2010 के चुनाव में ज्योति रश्मि (प्रदीप जोशी की पत्नी) ने फिर से इलियास हुसैन को हराया था।

1960 से 1970 के दशक में कांग्रेस का डेहरी पर मजबूत पकड़ था। 1962 से 1985 तक कांग्रेस ने पांच बार जीत दर्ज की लेकिन 1985 के बाद कांग्रेस फिर कभी यहाँ से नहीं जीत पाई। मोहम्मद इलियास हुसैन की अयोग्यता के बाद हुए उपचुनाव में सत्यनारायण सिंह ने भाजपा के टिकट पर पहली बार डेहरी में भाजपा का खाता खोला। हालांकि 2020 में हुए चुनाव में राजद ने वापसी कर ली।

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