इस महीने के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा को लेकर राज्य में सियासत गरम हो गई है। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और जनता दल (यूनाइटेड) के बीच अब भी तना-तनी जारी है। एलजेपी एनडीए गठबंधन में रहते हुए जेडीयू के नेतृत्व में चिनाव लड़ना चाहती है या नहीं इस पर अंतिम फैसला आज किया जाएगा। लेकिन इससे एक दिन पहले शुक्रवार को एलजेपी ने एक बार फिर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है।
नीतीश सरकार की महत्वकांक्षी योजना ‘सात निश्चय’ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह योजना गैर-नियोजित और भ्रष्टाचार का केंद्र है। एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में भाजपा के कई शीर्ष नेताओं से मिले हैं। चिराग ने गृह मंत्री अमित शाह और गुरुवार को भाजपा आध्यक्ष जेपी नड्डा से इस सप्ताह में दूसरी बार मुलाक़ात की। इसके बाद भी चिराग सीटों के बटवारे से खुश नहीं है।
भाजपा ने कथित तौर पर एलजेपी को कई मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों सहित 27 सीटों की पेशकश की थी। एलजेपी ने अबतक अंतिम फैसला नहीं लिया है जिसके चलते भाजपा और जेडीयू ने अपनी सीटों की घोषणा अबतक नहीं की है।
एलजेपी के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हम कल कल मुलाक़ात कर रहे हैं। बिहार फर्स्ट, बिहारी फ़र्स्ट के विज़न डॉक्यूमेंट सहित हर चीज़ पर चर्चा की जाएगी। हमने कभी भी बहुचर्चित सात निश्चय ’योजना की सराहना नहीं की है। यह गैर-योजनाबद्ध और भ्रष्टाचार का केंद्र है। नल जल योजना भी विशेष रूप से व्यापक भ्रष्टाचार में शामिल है।
अंसारी ने संकेत दिया कि पार्टी अकेले चिनाव लड़ने के विकल्प पर भी चर्चा करेगी, जिसके लिए 143 संभावित सीटों की सूची बनाई जाएगी। बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा “अगर रामविलास पासवान अस्वस्थ नहीं होते, तो सीट बंटवारा बहुत पहले हो जाता। लेकिन हम इसे जल्द ही हल करने की कोशिश कर रहे हैं और जल्द ही तीनों दलों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा की जाएगी। ”