Chhapra Liquor Death Tragedy: बिहार के छपरा में जहरीली शराब पीने के चलते अब तक 39 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार का एक बयान सुर्खियों में है। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से देशभर में लोग मरते हैं। ऐसे में इसके प्रति लोगों को खुद सचेत रहना चाहिए। जो शराब पिएगा वो तो मरेगा ही।
जो नकली शराब पिएगा वह तो मरेगा ही- जहरीली शराब पर बोले CM Nitish Kumar
बिहार के सारण में जहरीली शराब से हुई मौतों के मुद्दे पर बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेर रही है। इस बीच नीतीश कुमार ने विधानसभा में विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ”जो नकली शराब पिएगा वह तो मरेगा ही, लोगों को खुद ही सचेत रहना होगा।”
जहरीली शराब से छपरा में 39 लोगों की मौत पर बिहार CM नीतीश कुमार ने कहा, “जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं, इससे अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पियेगा वो मरेगा। इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा।”
Video में देखें क्या बोले CM Nitish
शराब (Alcohol) का धंधा करने वाले लोगों को पकड़ा जाए
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “शराबबंदी से कई लोगों को फायदा हुआ है। बड़ी संख्या में लोगों ने शराब छोड़ दी है, यह अच्छी बात है। मैंने अधिकारियों से कहा है कि वास्तविक गड़बड़ी करने वालों की पहचान करें और उन्हें पकड़ें।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने अधिकारियों से कहा है कि वे गरीबों को न पकड़ें। शराब बनाने और शराब का धंधा करने वाले लोगों को पकड़ा जाए। लोगों को अपना काम शुरू करने के लिए 1 लाख रुपये देने को तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर हम राशि जुटाएंगे, लेकिन कोई भी इस धंधे में शामिल नहीं होना चाहिए।”
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, “पिछली बार जब जहरीली शराब से लोगों की मौत हुई थी तो किसी ने कहा था कि उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। अगर कोई शराब पीता है, तो वह मर जाएगा – उदाहरण हमारे सामने है। इसके लिए शोक व्यक्त किया जाना चाहिए, उन जगहों का दौरा किया जाना चाहिए और लोगों को समझाया जाना चाहिए।”
BJP ने की Nitish Kumar के इस्तीफे की मांग
इस मामले में भाजपा ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा का कहना है कि अगर वो राज्य में सुरक्षित माहौल नहीं दे सकते तो सीएम की कुर्सी से हटें।
Rajya Sabha में हंगामा
सारण में जहरीली शराब से हुई मौतों पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष की ओर से उठाए गए जहरीली शराब त्रासदी और विपक्ष द्वारा उठाए गए कुछ अन्य मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं दूसरी ओर सारण में हुई मौतों पर विभागीय कार्रवाई करते हुए मढ़ौरा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी योगेन्द्र कुमार के ट्रांसफर के साथ ही मसरख थानाध्यक्ष रितेश मिश्रा और कॉन्स्टेबल विकेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर सदन में माफी मांगनी चाहिए- BJP MP Sushil Modi
BJP सांसद सुशील मोदी इस मुद्दे पर कहा, “मैं मानता हूं कि जहरीली शराब की वजह से दूसरे राज्यों में भी लोग मर सकते हैं। आपने (नीतीश कुमार) बिहार में जब शराबबंदी लागू करने का निर्णय लिया, तो फिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं, इतनी बड़ी संख्या में लोग जेल कैसे जा रहे हैं?” उन्होंने कहा कि हम शराबबंदी के समर्थन में हैं मगर इसकी समीक्षा किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर सदन में और भाजपा के विधायकों से क्षमा मांगनी चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा, “बिहार में पिछले 6 साल में जहरीली शराब से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 6 लाख जेल जा चुके हैं। क्या बिहार पुलिस राज में है? असेंबली में नीतीश कुमार का बर्ताव शोभा नहीं देता, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।”
CM Nitish की संवेदना नहीं जगती- बोले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह
छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ये बिहार का दुर्भाग्य है। बिहार में जब से शराब नीति चली है तब से कई हजार लोग मर गए। मगर मुख्यमंत्री की संवेदना नहीं जगती और जब सदन में कोई इसको उठाता है तो उससे ऐसा व्यवहार करते हैं जो कोई उम्मीद नहीं करता।
यह सिर्फ नीतीश कुमार का अहंकार- BJP सांसद निशिकांत दुबे
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बिहार में शराबबंदी नहीं है, यह सिर्फ नीतीश कुमार का अहंकार है। मेरे राज्य में बहुत से लोग खराब हैं क्योंकि वे बिहार में शराब की आपूर्ति करते हैं। जैसा कि मैंने पहले कहा, वह 2024 के बाद घर जाएंगे और फिर बिहार आजाद होगा।
47 लोग अस्पताल में भर्ती
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. संजय कुमार ने बताया, “यहां 47 लोगों को भर्ती किया गया है, उनमें से मामूली लक्षणों वाले कुछ लोगों का इलाज किया गया और बाद में वे घर चले गए। विषाक्त पदार्थों के कारण कई लोगों की दृष्टि पर प्रभाव पड़ा। इलाज चल रहा है, जरूरत पड़ी तो सदर अस्पताल रेफर कर देंगे।”