Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनावों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड सुप्रीमो नीतीश कुमार काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। वह विपक्ष को एकजुट करने में जुटे हैं। अब उन्होंने अपना दल (कमेरवादी) नेता कृष्णा पटेल से मुलाकात की है। उत्तर प्रदेश में कुर्मी वोट झटक कर वह एनडीए को झटका देने की कोशिश में हैं। इसी क्रम में उन्होंने सोमवार को दिल्ली में कृष्णा पटेल से मुलाकात की। पटेलों को बड़े ओबीसी कोइरी-कुर्मी वर्ग का हिस्सा माना जाता है। नीतीश और कृष्णा की यह मुलाकात एनडीए के लिए खतरनाक साबित हो सकती है क्योंकि उसके कुर्मी वोट प्रभावित हो सकते हैं।
नीतीश से मुलाकात के बाद कृष्णा पटेल ने मीडिया से कहा कि सोनेलाल पटेल का जद (यू) प्रमुख से पुराना नाता रहा है। जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने भी द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “सोनेलाल पटेल के हमारे साथ बहुत मधुर संबंध थे और हमने 2007 का यूपी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था। हमारे गठबंधन को व्यापक बनाने के लिए हमने कोशिश की, जिसके तहत कृष्णा पटेल ने नीतीश कुमार से मुलाकात की।”
त्यागी ने कहा कि यह विपक्षी एकता के लिए शुरुआती दिन हैं, जिसे आने वाले महीनों में अमली जामा पहनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जेडीयू की नजर इस वक्त यूपी पर है, जहां कुर्मी और पटेलों की बड़ी आबादी रहती है। नीतीश कुमार भी कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, ऐसे में पार्टी को लग रहा है कि इसका भी फायदा मतदातों को अपनी तरफ करने में मिलेगा।
त्यागी ने कहा कि वाराणसी, बरेली, पीलीभीत, हरदोई, कानपुर देहात, जालौन, उरई, बांदा, बहराइच, फतेहपुर, अलाहाबाद, फूलपुर, मिर्जापुर, चोंदौली, प्रतापगंढ़, रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बस्ती, सरस्वती और गोंडा में कुर्मी एवं पटेल समुदाय की बड़ी आबादी रहती है। उन्होंने कहा कि एक बार समाजवादी पार्टी भी हमारे साथ आ गई तो अनुप्रिया पटेल को हमें चुनौती देना मुश्किल होगा।
अपना दल (के) के लिए जीत की स्थिति केवल तभी हो सकती है यदि कृष्णा पटेल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों की के साथ गठबंधन करती हैं। पार्टी मध्य और पूर्वी यूपी में ओबीसी विशेष रूप से कुर्मी समुदाय के बीच प्रभाव का दावा करती है।
बता दें कि 1995 में अपना दल की स्थापना सोनेलाल पटेल ने की थी और कृष्णा पटेल उनकी पत्नी हैं। 2009 में सोनेलाल की मृत्यु के बाद कृष्णा को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और बेटी अनुप्रिया पटेल को इसका राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था। कृष्णा और अनुप्रिया के बीच मतभेदों के चलते पार्टी अपना दल (सोनेलाल) और अपना दल (कामेरावादी) में विभाजित हो गई। अनुप्रिया पटेल अब एनडीए की सहयोगी हैं और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री हैं। कृष्णा ने 2020 में अपना दल (कामेरावादी) की स्थापना की थी।
