बिहार में अभी जदयू और राजद की सरकार बने एक हफ्ते भी नहीं हुआ कि एक के बाद एक बगावत की आवाजें उठने लगी हैं। ताजे विवाद में मंत्री लेसी सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली विधायक बीमा भारती पर भड़के सीएम नीतीश कुमार ने भी साफ कर दिया है कि सबको मंत्री नहीं बना सकते हैं, जिसको जहां जाना हो जाएं। लेसी सिंह और बीमा भारती दोनों जदयू की विधायक हैं और दोनों नेता पहले मंत्री बन चुकी हैं। इस बार लेसी सिंह को मंत्री बनाया गया, लेकिन बीमा भारती को मौका नहीं मिला।

बीमा भारती ने आरोप लगाया, “लेसी सिंह अपराधी प्रवृत्ति की हैं और वे अपने इलाके में धन उगाही करवाती है। लेशी सिंह का काम धमकाने का और रंगदारी का है और जो उसके खिलाफ बोलता है उसका मर्डर कराती हैं।”

कहा, “गलत लोगों को कैबिनेट में जगह दे दी गई है। हत्या के आरोपी को सरकार में मंत्री बनाया गया।.इसकी कई बार आलाकमान से शिकायत भी की गई, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी है। उन्हें फौरन मंत्रिमंडल से हटाया जाए, नहीं तो हम इस्तीफा दे देंगे।” इस पर सीएम नीतीश कुमार ने कड़ी नाराजगी जताते हुए बीमा भारती से ही कह दिया है कि उनको ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम बात करेंगे

मीडिया ने जब सीएम नीतीश कुमार से इस पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, “हम बीमा भारती से बात करेंगे और उनको पार्टी के बारे में ऐसे बयान नहीं देने के लिए समझाएंगे। अगर वह नहीं समझती हैं और कहीं दूसरी जगह जाना चाहती हैं तो वह ऐसा कर सकती हैं।”

कहा कि जब बीमा भारती को पढ़ना नहीं आता था तब हमने उनको मंत्री बनाया था

उन्होंने कहा, “हमने लेशी सिंह को 2013, 2014 और 2019 में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। मैं हैरान हूं कि बीमा भारती ने ऐसा बयान दिया है, वह भी 2014 और 2019 में मंत्री थीं। जब उन्हें पढ़ना-लिखना नहीं आता था तब हमने उन्हें सिखाया। उनको इज्जत दी। इसके बाद ऐसा बयान दीं। हम उनसे मिलेंगे और इस बारे में चर्चा करेंगे।”

सीएम ने कहा कि हमें पता चला कि वह मिलना चाहती हैं, हमने उनको मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं आईं तो हमने कहा ठीक है, जब मन हो तब मिलें। फिर इस तरह के आरोपों का क्या मतलब है। पार्टी पहले उनको प्रेम से समझाएगी, नहीं समझेंगी तो वह स्वतंत्र हैं, जा सकती हैं।