बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ उनकी पार्टी के चार प्रदेश अध्यक्षों ने बगावत कर दी है। इन लोगों ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार असंवैधानिक तरीके से पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं। पांच महीने पहले ही अप्रैल में नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। उनसे पहले शरद यादव पार्टी अध्यक्ष थे। शुक्रवार को इन चारों नेताओं ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार संगठनात्मक चुनाव कराए बिना ही पार्टी अध्यक्ष बन गए जो असंवैधानिक है।
बगावत करनेवाले चार प्रदेश अध्यक्षों में मध्य प्रदेश के गोविंद यादव, पश्चिम बंगाल के अमिताभ दत्ता, उत्तराखंड के प्रमोद शर्मा और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष बलबीर सिंह हैं। इन चारों प्रदेश अध्यक्षों की नुमाइंदगी करते हुए गोविंद यादव ने संघर्ष का एलान करते हुए कहा, “जेडीयू में आंतरिक लोकतंत्र की बहाली कराना उनका प्रमुख मकसद है।” इसके उलट जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने कहा है कि ये चारों प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने प्रदेश में संगठनात्मक चुनाव कराने में असफल रहे हैं। इसलिए पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
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गौरतलब है कि शुक्रवार का दिन नीतीश कुमार के लिए कई तरह से मुश्किलों भरा दिन रहा। पटना हाईकोर्ट ने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी के कानून को संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं होने का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने राज्य में शराब की खपत और इसकी बिक्री पर रोक संबंधी राज्य सरकार की पांच अप्रैल की अधिसूचना को निरस्त कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पांच अप्रैल को जारी अधिसूचना संविधान के अनुरूप नहीं है इसलिए यह लागू करने योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द किए जाने के बाद आरजेडी नेता शहाबुद्दीन ने भी उन्हें अगले चुनाव में अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है।
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