बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी गर्मी में नेताओं को जनता की बेरुखी का कई जगहों पर सामना करना पड़ रहा है। लंबे अर्से तक क्षेत्र से नदारद रहने वाले नेताओं को समर्थन के बजाय लोगों की बेरुखी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ जगहों पर मामूली तो कई विधानसभा क्षेत्रों में विरोध के तौर पर पत्थरबाजी और मारपीट जैसे हालात भी रोजाना पैदा हो रहे हैं।
चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद से भाजपा, राजद, जन सुराज पार्टी, जद (एकी), ‘हम’ और भाकपा (माले) समेत कमोबेश सभी दलों के उम्मीदवारों को जनता की मायूसी और रोष से दो चार होना पड़ रहा है। वजह, क्षेत्रों में विकास कार्यों की कमी और चुनाव से ठीक पहले मतदाताओं से समर्थन मांगना भी नेताओं के लिए परेशानी का सबब बनने लगा है।
चुनावी समर की शुरुआत के बाद प्रचार के दौरान कई नेताओं को अपने क्षेत्रों में मतदाताओं की बेरुखी से जूझना पड़ रहा है। कई बार समर्थकों ने समझाने की कोशिश भी की, लेकिन भीड़ नेताओं पर भारी पड़ रही है। बिहार के महनार विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा करने पहुंचे लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय जनता दल(राजद) समर्थकों ने तेज प्रताप को खदेड़ना शुरू कर दिया।
HAM(S) उम्मीदवार के काफिले पर पथराव
इससे पहले बुधवार को गयाजी में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा(एस) उम्मीदवार अनिल कुमार के काफिले पर पथराव किया और विधायक के साथ साथ समर्थकों के साथ भी मारपीट की। वैशाली जिले में भाजपा विधायक अवधेश सिंह को भी दयालपुर में लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में विकास कार्यों की अनदेखी की गई और 10 साल बाद समर्थन मांगने आए हैं।
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उधर, रोहतास के डेहरी में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक फतेह बहादुर सिंह को भी अपने क्षेत्र में विरोध का सामना करना गड़ा। जनसंपर्क यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और हालात बिगड़ने के बाद उन्हें गांव से बैरंग लौटना पड़ा। कुम्हरार के विधायक अरुण सिन्हा को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज लोगों का भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा को भी शुक्रवार को जनता के विरोध का सामना करना पड़ा था। कायस्थ समाज के लोगों ने विरोध दर्ज कराते हुए जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने की चेतावनी दे डाली।
वजीरगंज में बीजेपी विधायक का विरोध
गया जिले के वजीरगंज में भाजपा विधायक वीरेंद्र सिंह को स्थानीय लोगों ने बाहरी उम्मीदवार बताते हुए विरोध जताया और जातीय समीकरण के भी खिलाफ बताया। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को भी लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में जनता की नाराजगी से रूबरू होना पड़ा। हालांकि उप मुख्यमंत्री के समर्थकों का आरोप है कि विपक्षी दल के नेता के इशारे पर ऐसा किया गया।
पूर्व सांसद आनंद मोहन को भी नवीनगर में उस वक्त विरोध का सामना करना पड़ा, जब वह अपने पुत्र और जदयू नेता चेतन आनंद के लिए नवीनगर पहुंचे। नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में विकास की बात कहते हुए ही ग्रामीणों ने आनंद मोहन से अपने गांव में हुए विकास कार्यों को लेकर सवाल उठाए।
कटिहार के बलरामपुर से भाकपा (माले) विधायक महबूब आलम पर भी विकास कार्यों का आरोप लगाते हुए जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। उस वक्त कांग्रेस नेता तारिक अनवर भी साथ थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि जीत के पांच साल बाद ही दोबारा क्षेत्र में पहुंचे और विकास कार्यों की भी अनदेखी की गई।बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान छह नवंबर को जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा। इसके लिए सभी दलों के नेता अपने अपने क्षेत्रों में प्रचार अभियान में जुटे हैं।
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