अब जुलूस या शोभा यात्रा निकालने के लिए बिहार में एक हफ्ते पहले दरखास्त देना पड़ेगा और आवेदन की मंजूरी के बाद ही जुलूस निकाली जा सकेगी। इसके लिए जिला स्तर पर कोषांग का गठन किया जा रहा है। जो पूरी तहकीकात करेगा। वरना आयोजक दोषी ठहराए जाएंगे और उनपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आशय का 23 मार्च को लिखा मुख्य सचिव का पत्र भागलपुर के अधिकारियों को मिला है। जिस पर आज कमिश्नर राजेश कुमार ने बैठक बुलाकर दिशा निर्देश जारी किए । विभिन्न दलों के नेताओं ने भी अपनी इस पर प्रतिक्रिया दी है। पहले से तय कार्यक्रम की या धार्मिक जुलूस की तो सूचना दी जा सकती है। मगर लोकतंत्र में आंदोलन, प्रदर्शन , जुलूस हठात भी निकलते है। उनपर यह फार्मूला कैसे लागू होगा? बैठक में डीआइजी विकास वैभव , ज़िलाधीश आदेश तितमारे , एसएसपी मनोज कुमार , नवगछिया एसपी पंकज कुमार सिंहा, सूचना जनसंपर्क के उपनिदेशक बिंदुसार मंडल, एसडीओ सुहर्ष भगत , एडीएम वैभव चौधरी , हरिशंकर प्रसाद समेत तमाम अंचल , प्रखंड के अधिकारी व थाना प्रभारी मौजूद थे।
बैठक में हाल में हुए भागलपुर में प्रतिपदा की पूर्व संध्या पर बगैर अनुमति के निकाली जुलूस की भी चर्चा हुई। जिसमें 16 मार्च को अनुमति का दरखास्त तो दिया। मगर अनुमति का इंतजार नहीं किया और जुलूस निकाल लिया। नतीजन बखेड़ा हुआ। अब ऐसा नहीं होगा। इसे कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी गई है। जानकी नवमी और शब-ए-बारात सामने है। जिसकी तैयारी करने का निर्देश भी अपने मातहतों को दिया।
लाइसेंस की शर्तों का भी पूरा ध्यान रखना होगा। दूसरे की भावना को ठेस पहुंचाने वाले गीत नहीं बजाए जाएंगे और न किसी तरह की झांकी और चित्रों का प्रदर्शन होगा। लाउडस्पीकर की आवाज मापने का यंत्र भी पटना से आया है। और ऐप भी है। जो ब्लाक,थाना, डीएसपी के मोबाइल पर अपलोड किया जाएगा। ताकि वे ध्वनि मापकर कार्रवाई कर सके। सभी अधिकारियों को अपना मोबाइल 24 घंटे चालू रखने का भी फरमान जारी हुआ है। भाजपा जिला अध्यक्ष रोहित पांडे , राजद के तिरुपति यादव सरीखे कईयों ने कहाकि धार्मिक जुलूस पर तो यह ठीक है। लेकिन इनके आवेदन को भी समय रहते निष्पादित किया जाना चाहिए। पर बाकी मामलों में यह नियम बनाना गलत है।
लोकतंत्र में यह कैसे संभव है। अचानक भी कई मसले होते है। जो बंद , जुलूस , प्रदर्शन कर अपना विरोध जताते है। यदि सभी पर यह बंदिश है तो यह मौलिक अधिकार का हनन है। ऐसा स्वयंसेवी संगठनों के लोगों ने भी कहा है। मगर बैठक में मौजूद एक आलाधिकारी के मुताबिक यह आदेश सभी प्रकार की जुलूस पर लागू है। और यह कानून गृह महकमा का पहले से बना है। जिसे कड़ाई से पालन कराना है। आज की बैठक का यही मकसद भी है।

