बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने पंचायत चुनाव लड़ने वालों के लिए उनके घरों में शौचालय होने की अनिवार्यता किए जाने के लिए बिहार पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश, 2016 को मंजूरी प्रदान कर दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधानसचिव ब्रजेश महरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने पंचायत राज अधिनियम 2006 (बिहार अधिनियम 6, 2006) की धारा 136 की उप धारा (1) के खंड (ट) को विलोपित किए जाने के लिए बिहार पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश, 2016 को स्वीकृति प्रदान कर दी।

बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने इस अनिर्वायता को विलोपित किए जाने की मंजूरी पंचायती राज विभाग द्वारा लाए गए प्रस्ताव के तहत दी। इसमें कहा गया है कि पंचायत निर्वाचन का अभ्यर्थी बनने के लिए शौचालय की उक्त अनिवार्यता रखे जाने से कमजोर वर्गों, विशेषत: अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग के लोग वंचित रह जायेंगे जिनके पास शौचालय बनाने के लिए न तो भूमि उपलब्ध है और न ही साधन।

महरोत्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य की आर्थिक विकास की दर को गति प्रदान करने के लिए राजस्व के अतिरिक्त स्त्रोत की आवश्यकता के मद्देनजर दायरे को विस्तृत किये जाने के वाणिज्य कर विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2011-12 से बिहार पेशा, व्यापार, आजीविका एवं कार्य नियोजन कर अधिनियम, 2011 लागू है जिसके तहत देयकर की अधिकतम सीमा 2500 विहित है। पेशा कर राज्य सरकार द्वारा अधिरोपित कर है तथा भविष्य में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने की स्थिति में भी यह कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में समाहित न होकर अलग से प्रभावी रहेगा।

महरोत्रा ने बताया कि तीन लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों को वार्षिक पेशा कर के तौर पर एक हजार रुपये तथा पांच से दस लाख रूपये वार्षिक आय वालों को 1500 रुपये तथा दस लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वालों को पेशा कर के तौर पर अब प्रति वर्ष 2500 रुपये देय होंगे।

उन्होंने बताया कि वैसे डीलर्स जो कि वैट या सीएसटी के तहत निबंधित हैं तथा जिनकी खरीद-बिक्री दस लाख से 20 लाख रुपये के बीच है, उनको पेशा कर के तौर पर एक हजार रुपये, 20 से 40 लाख रुपये वाले को 1500 रुपये तथा 40 लाख से अधिक की खरीद-बिक्री करने वालों को 2500 रुपये प्रति वर्ष पेशाकर के तौर अदा करना होगा।

उन्होंने बताया कि टैक्सी पैसेंजर कार मालिक को पेशा कर के तौर पर एक हजार रुपये ट्रक एवं बस मालिक को 1500 रुपये प्रतिवर्ष देना होगा। उन्होंने बताया कि केबल ऑपरेटर, फिल्म वितरक, सिनेमा एवं थियेटर के मालिक अथवा संचालक, मैरेज हॉल, कांफ्रेंस हॉल, वाणिज्यिक हॉल एवं आवासीय होटलों के मालिक एवं संचालक, पेट्रोल, डीजल एवं सर्विस स्टेशनों, हेल्थ सेंटर मालिक अथवा संचालक, लाईसेंसी विदेशी शराब विक्रेता, ईंट भट्टा मालिक अथवा संचालक, बैंकिंग रिगुलेशन एक्ट 1949 के अधीन निबंधित बैंकिंग कंपनी, कंपनी एक्ट के तहत निबंधित कंपनियां जो कि किसी व्यवसाय में संलग्न है उन पर पेशा कर अब 2500 रुपये प्रति वर्ष देय होगा।

महरोत्रा ने बताया उपरोक्त वर्णित प्रस्ताव के क्रियान्वयन से पूरे वित्तीय वर्ष में लगभग 75 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति अनुमानित है। उन्होंने बताया कि राज्य के आर्थिक विकास की दर की गति प्रदान करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की आवश्यकता के मद्देनजर मंत्रिपरिषद ने हाई स्पीड डीजल ऑयल एवं लाइट डीजल ऑयल तथा पेट्रोल (मोटर स्प्रिट) पर अधिभार की दर 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किये जाने को मंजूरी प्रदान कर दी।

महरोत्रा ने बताया कि बिहार मूल्य वर्द्धित कर अधिनियम 2005 की धारा 3 (ए) के प्रावधानों से राज्य में बेचे जाने वाले डीजल एवं पेट्रोल के बिक्री मूल्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन से चालू वित्तीय वर्ष में लगभग 25 करोड़ रुपये प्रतिमाह एवं आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 330 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के राजस्व की अतिरिक्त प्राप्ति संभावित है।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने बिहार मनोरंजन कर नियमावली 1984 के नियम 5 के अन्तर्गत निबंधन प्रमाण पत्र निर्गत करने की तथा बिहार होटल विलास वस्तु कराधान नियमावली 1988 के नियम 3 के अन्तर्गत निबंधन प्रमाण पत्र निर्गत करने की समयावधि अब अनिवार्य रूप से 30 दिन के भीतर किये जाने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।

उन्होंने बताया कि इससे राज्य में मनोरंजन कर अधिनियम तथा होटल विलास वस्तु कराधान अधिनियम के अन्तर्गत निबंधन प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण होगा तथा निश्चित समय सीमा के अंदर निबंधन प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि सुशासन के कार्यक्रम 2015-2020 के अंतर्गत विकसित बिहार के सात निश्चय, कृषि रोड मैप, मानव विकास मिशन, कौशल विकास मिशन, औद्योगिक प्रोत्साहन और आधारभूत संरचना के विभिन्न कार्यक्रमों एवं सरकार के अन्य संकलपों का मिशन मोड में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने, प्राथमिकताओं को निर्धारित करने एवं निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा नियमित अनुश्रवण करने के लिए गठित बिहार विकास मिशन के लिए विभिन्न कोटि के कुल 46 पदों के सृजन को भी मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति प्रदान कर दी है।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने अपुनरीक्षित वेतनमान में वेतन अथवा पेंशन प्राप्त कर रहे राज्य सरकार के सरकारी सेवकों, पेंशनभोगियों अथवा पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक जुलाई 2015 के प्रभाव से 223 प्रतिशत के स्थान पर 234 प्रतिशत महंगाई भत्ता अथवा राहत प्रदान किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी है।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री के आप्त सचिवों में एक सरकारी तथा एक निजी की नियुक्ति को पुनर्निधारित किए जाने को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।