बिहार में चल रहे राजनीतिक तूफान के बीच जेडीयू-बीजेपी के गठबंधन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कहा जा रहा है कि एनडीए के सहयोगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी नेतृत्व से नाराज हैं। इस मुद्दे पर न्यूज़ चैनल आजतक पर एक टीवी डिबेट के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता रोहन गुप्ता ने कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसको बीजेपी ने ठगा नहीं।
एंकर ने कहा कि यहां तो जेडीयू के साथ बने रहने में बीजेपी का फायदा है वरना नीतीश कुमार आरजेडी के साथ चले जाएंगे। इस पर रोहन गुप्ता ने कहा, “ऐसा कोई सगा नहीं जिसको बीजेपी ने ठगा नहीं। जनता हो, सहयोगी हो या विरोधी, बीजेपी की एक ही नीति है कि तोड़ो और राज करो। ” कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, “ये जनता को अपनी नीतियों से प्रताड़ित करते हैं, विरोधियों को अपनी एजेंसी से प्रताड़ित करते हैं और सहयोगियों को कहीं न कहीं से शिंदे ढूंढकर प्रताड़ित करते है।”
किसी को बीजेपी पर भरोसा नहीं: रोहन गुप्ता ने आगे कहा, “जब आप किसी को सहयोगी बनाते हैं तो एक सिद्धांत होता है सह-अस्तित्व का। भाजपा का इतिहास देखेंगे तो 2014 में जब उन्होंने एनडीए बनाया था तो 24 पार्टियां उनके साथ थीं, पर एक-एक करके सारे दल एनडीए को छोड़कर चले गए। क्योंकि किसी को बीजेपी पर भरोसा नहीं है। जनता हो या विरोधी सब बीजेपी का चेहरा समझ गए हैं। जब भी मौका होगा ये अपनी सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
बिहार का विनाश हो रहा: वहीं, राजनीतिक विश्लेषक अजय आलोक ने कहा, “आरसीपी सिंह मंत्री बने थे तो नीतीश कुमार की सहमति से ही मंत्री बने थे। अगर ऐसा नहीं होता तो वो 6 महीने पहले ही समर्थन वापस ले लेते। ये मॉरल कंसेंट और स्वाभिमान 6-7 महीने बाद जागता है।” उन्होंने आगे कहा, “असल में सच्चाई ये है कि बिहार का विनाश हो रहा है और नीतीश कुमार नाश कुमार की तरफ बढ़ गए हैं। ये होता है विनाशकाले विपरीत बुद्धि।”
‘प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार’ की बीमारी: राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, “कहीं किसी की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन अति महत्वकांक्षा जब बढ़ जाती है तब आदमी इसी तरह के कदम उठाता है। ये ‘प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार’ की बीमारी जब इंसान में घुसती है तो सर्वनाश करती है। ये प्रशांत किशोर जैसे लोगों ने नीतीश कुमार के दिमाग में जो ये कीड़ा बैठा दिया है कि आप प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वयुक्त हैं तो ऐसा ही सब होगा।”
