बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को 121 सीटों पर लगभग 65 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो राज्य के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक मतदान प्रतिशत है। पहले चरण में 1951 के बाद से सबसे अधिक मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग ने अपने बयान में कहा कि बिहार के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ और पूरे राज्य में मतदान शांतिपूर्ण एवं उत्सव जैसे माहौल में संपन्न हुआ। यह वोट प्रतिशत 2020 के विधानसभा चुनावों में दर्ज 57.29% से अधिक है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, “बिहार ने देश को राह दिखाई है। SIR (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण) में शून्य अपील और 1951 के बाद से सबसे ज़्यादा मतदान हुआ। सबसे शुद्ध मतदाता सूची और मतदाताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी। पारदर्शी और समर्पित चुनाव तंत्र। लोकतंत्र की जीत हुई। चुनाव आयोग के लिए यह एक अद्भुत यात्रा रही है।”

मतदाताओं ने किस मुद्दे पर वोट दिया?

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि महिलाएं काफी उत्साह के साथ बड़ी संख्या में वोट डालने आईं। इस ऐतिहासिक मतदान ने लगभग 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के बीच ‘सुशासन बनाम सबको नौकरी’ की जंग को निर्णायक मोड़ पर ला दिया है। भारी मतदान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, बीजेपी, आरजेडी, कांग्रेस और जनसुराज ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया। इस बीच मतदान के बाद तमाम मतदाताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी और बताया कि उन्होंने किस मुद्दे पर वोट दिया।

पढ़ें- बिहार में पहले चरण में रिकॉर्ड 64.66% वोटिंग

पटना में मतदाताओं ने बुनियादी सुविधाओं से लेकर रोजगार और महिला सुरक्षा तक, कई तरह की आकांक्षाएं व्यक्त कीं। दीघा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत इंद्रपुरी स्थित सेंट कैरेंस अकादमी में उमेश प्रसाद (55) ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “मैंने सुशासन और मुफ़्त, नियमित बिजली के लिए वोट दिया। मैंने जाति को नज़रअंदाज़ करके ऐसे उम्मीदवार को चुना जिसने इन मुद्दों पर वाकई काम किया है।”

बिहार को स्थिरता और सम्मान की ज़रूरत- स्थानीय

दीघा के कन्हैयालाल जायसवाल बालक मध्य विद्यालय में, 21 वर्षीय कॉलेज छात्र विशाल कुमार ने कहा, “मेरे लिए रोज़गार की संभावनाएं सबसे ज़्यादा मायने रखती हैं। मैंने ऐसे व्यक्ति को वोट दिया जो युवाओं के करियर की बात करता हो न कि सिर्फ़ नारों की।” पॉलसन रोड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में, किरण कुमारी (23) ने महिला सुरक्षा पर ज़ोर देते हुए कहा, “मैंने सुरक्षित सड़कों के लिए वोट दिया। महिलाओं को अपना करियर और अपने सपने पूरे करने के लिए घर में संघर्ष करना पड़ता है और कई चीज़ों से समझौता करना पड़ता है। सड़कें अगर सुरक्षित नहीं होंगी तो हमारे परिवार वाले हमें बाहर निकलने ही नहीं देंगे।”

वहीं, किदवईपुरी स्थित बीएसएनएल सेवा केंद्र में अजय कुमार सिंह (60) ने कहा, “मैंने अपने जैसे बुज़ुर्ग नागरिकों के लिए वोट दिया था। मैं पटना और पूरे बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुलभ बनाना चाहता हूँ ताकि किसी को भी इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े।” श्री कृष्णापुरी स्थित इंदिरा गांधी सामुदायिक भवन में अभिषेक सिन्हा (44) ने कहा, “बिहार को स्थिरता और सम्मान की ज़रूरत है। जो भी कानून-व्यवस्था बनाए रखेगा और मध्यम वर्ग का साथ देगा, उसे मेरा वोट मिलेगा।”

बिहार में दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा

पहले चरण के बाद बिहार में दूसरे और अंतिम चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा जबकि मतगणना 14 नवंबर 2025 को की जाएगी। बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार, सभी 18 जिलों में मतदान शांतिपूर्ण और घटना-मुक्त रहा। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 1,500 कंपनियाँ, बिहार सैन्य पुलिस की 50 कंपनियाँ और 45,000 से ज़्यादा ज़िला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अतिरिक्त, 22,000 होमगार्ड, 19,817 प्रशिक्षु कांस्टेबल और 3,671 चौकीदारों ने कतार प्रबंधन और मतदाता सुविधा में सहायता की। प्रत्येक मतदान केंद्र का सीधा प्रसारण किया गया और उसे चुनाव आयोग की रीयल-टाइम निगरानी प्रणाली से जोड़ा गया।

पढ़ें-  बिहार के ग्यारहवें सीएम कर्पूरी ठाकुर, कम वक्त की सरकार, मगर असर आज तक