बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं लेकिन लोजपा नेता चिराग पासवान लगातार सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। अब अपने ताजा बयान में चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के एक बयान का समर्थन करते हुए राज्य विधानसभा चुनाव फिलहाल टालने का सुझाव दिया है। चिराग के ताजा बयान से बिहार के राजनैतिक गलियारों में नई सुगबुगाहट शुरू हो गई है। दरअसल चिराग पासवान ने ट्वीट कर बताया है कि “कोरोना के प्रकोप से बिहार ही नहीं पूरा देश प्रभावित है। कोरोना के कारण आम आदमी के साथ साथ केंद्र व बिहार सरकार का आर्थिक बजट भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में चुनाव से प्रदेश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों ने इस विषय पर चिंता जताई है।”

गौरतलब है कि राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को ही अपने एक बयान में कहा था कि “यह चुनाव कराने का समय नहीं है। जहां पूरा बिहार कोरोना के कारण बदहाल है, ऐसे में सीएम नीतीश कुमार चुनाव को लेकर क्यों परेशान हैं? मुख्यमंत्री चाहते हैं लाशों के ढेर पर बिहार विधानसभा चुनाव हो।”

बता दें कि गुरुवार को लोजपा के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई थी। इस बैठक के दौरान विधानसभा चुनाव टालने को लेकर फीडबैक लिया गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान लोजपा सदस्यों ने चुनाव टालने की वकालत की। चिराग पासवान द्वारा तेजस्वी यादव के चुनाव टालने के बयान का परोक्ष रूप से समर्थन करने के बाद बिहार की राजनीति में नए राजनैतिक समीकरण बनने से इंकार नहीं किया जा सकता।

इससे पहले भी चिराग पासवान सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ काफी मुखर रह चुके हैं। बीते दिनों चिराग ने अपने एक बयान में कहा था कि वह बिहार में भाजपा के सहयोगी हैं किसी अन्य पार्टी के नहीं। लोजपा ने बीते दिनों अपने एक पदाधिकारी को इसलिए पद से हटा दिया था क्योंकि उसने एनडीए की एकता को चट्टानी करार दे दिया था। दरअसल लोजपा का आरोप है कि सीएम नीतीश कुमार सहयोगी पार्टी होने के बावजूद लोजपा को भाव नहीं देते। साथ ही उनके नेता चिराग पासवान के फोन कॉल्स का जवाब भी नहीं देते हैं और ना ही पलटकर फोन करते हैं।

वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन में भी दरार दिखाई दे रही हैं। दरअसल महागठबंधन में सीएम पद को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पायी है। जिसके बाद हम नेता जीतनराम मांझी ने भी खुलेआम नाराजगी जाहिर कर दी है।