डेंगू के इलाज में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जवाहरलाल नेहरू भागलपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में दस विस्तारों की तायदाद में इजाफा किया गया है। अब बीस की जगह तीस बेड उपलब्ध है। सिविल सर्जन डा.उमेश शर्मा ने बताया कि गुरुवार को 39 मरीजों की जांच की गई। जिनमें तेरह मरीज डेंगू के मिले है। मगर अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी, दवा की अनुपलब्धता, मरीजों के बेहाल होने की खबरें हमेशा से मिलती रही है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने कल रात नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH) का दौरा किया। जहां चिकित्सा अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह को काम में लापरवाही और अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन न करने के कारण निलंबित कर दिया
उन्होंने बताया कि तीस बेड के अलावे सदर अस्पताल में दस बेड डेंगू वार्ड में है। सुलतानगंज,कहलगांव और नवगछिया के अस्पतालों में पांच-पांच विस्तर अलग से उपलब्ध है। यों डेंगू की रोकथाम के लिए पूरे ज़िले के गांवों और नगर निगम क्षेत्र के मोहल्लों में दवा की छिड़काव किया जा रहा है। कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में ऑडियो बजाकर डेंगू से बचाव के उपाय बताकर व्यापक पैमाने पर प्रचार किया जा रहा है। पर, नगर निगम की बड़ी फॉगिंग मशीन खराब पड़ी है। छोटी मशीनों से काम चलाया जा रहा है।
4284 डेंगू जांच किट उपलब्ध है
सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पतालों में जांच केंद्र खुले है। जहां 4284 डेंगू जांच किट उपलब्ध है। इधर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ोतरी पर चिंता जताई है। अपनी समीक्षा में जरूरी निर्देश दिए है। अब पांच विभाग मिलकर डेंगू की रोकथाम का मुकाबला करेंगे। , नगर विकास,कृषि,भवन निर्माण व वन पर्यावरण विभाग मिलकर दवा का छिड़काव और जल जमाव को हटाने का तेजी से काम करेंगे।
बारिश के मौसम में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
इसके तहत राज्य के पांचों विभागों को निर्देश जारी किया गया है। सरकारी भवनों के पास भवन निर्माण और मैदानी इलाकों या पार्क बगैरह के गड्ढों में जल जमाव को वन विभाग हटाएंगे। स्वास्थ्य महकमा ने बारिश के मौसम में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान के बाबत दिशा निर्देश जारी किया है। साथ ही हिदायत भी है कि शौचालय का उपयोग करें। और मवेशियों के चारे के आसपास सफाई रखें। लेकिन डेंगू के लक्षण या हल्की बुखार होने पर भी फौरन जांच जरूर कराएं, इसको न टाले।
अस्पताल में खाली पड़े हैं नर्स और टेक्नीशियन की कमी
अलबत्ता उपमुख्यमंत्री पटना के दो बड़े अस्पतालों पीएमसीएच और एनएमसीएच का ही औचक निरीक्षण करने पहुंचे है। भागलपुर के सबसे बड़े अस्पताल जेएलएन मेडिकल कालेज अस्पताल की हालत भी कोई उतनी बढ़िया नहीं है। जबकि पूर्वी बिहार का यह सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां डॉक्टरों के पद रिक्त पड़े है। नर्सें और टेक्नीशियन कम है। किसी तरह काम चलाया जा रहा है। यही हाल कोरोना महामारी में था। अब डेंगू बीमारी में भी मरीजों की दुर्गति है।