सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी) 2018 के शुक्रवार को आए नतीजों में 180 छात्राओं समेत कुल 759 सफल हुए प्रतियोगियों में से पंद्रह बिहार से हैं जिनमें दो भागलपुर के रहने वाले हैं। सिल्कनगरी के इंद्रबदन झा को 102वीं रैंक हासिल हुई है जबकि मो. तौसीफ उल्लाह को 597वीं रैंक।

हालांकि, पिछले साल (2017) के नतीजों पर गौर करें तो बिहार के 17 प्रतियोगियों ने परचम लहराया था जिनमें भागलपुर के छह ने कामयाबी की इबारत लिखी थी। इतना ही नहीं टॉप 20 में तीन बिहार के ही थे। इस दफा बिहार से सफल होने वाले 15 प्रतियोगियों में पटना की सलोनी खेमका ने 27वां रैंक हासिल किया है।

सलोनी पटना के व्यापारी सुनील खेमका की बेटी हैं। 102वीं रैंक हासिल करने वाले इंद्रबदन झा भागलपुर मिरजानहाट मोहल्ले के वाशिंदें हैं। बीते साल इनका स्थान 169वां था। अबकी इनका तीसरा प्रयास था।

इनके पिता त्रिभुवन झा उत्तर प्रदेश ग्रामीण अभियंत्रणा सेवा में कार्यपालक अभियंता थे। 2006 में उनका आकस्मिक निधन हो गया। पिता के निधन के बाद उनकी माता माता सरला झा भागलपुर आकर रहने लगीं। इंद्रबदन ने12वीं की पढ़ाई डीपीएस आरके पुरम दिल्ली से की है। पीजी तक की पढ़ाई करने के बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

597वीं रैंक लाने वाले मो. तौसिफ उल्लाह के पिता मो.अब्दुल्ला मामूली दुकानदारी करते हैं और माता जाकिया सुल्ताना घरेलू महिला हैं। फिलहाल ये दिल्ली नगर निगम में मेडिकल अधिकारी हैं। यह इनका तीसरी कोशिश थी।

इससे पहले दो दफा ये साक्षात्कार तक पहुंच पाए थे। अंतिम चयन में इनको कामयाबी नहीं मिली थी। कटिहार के कुमार अनुराग को 48वीं रैंक दूसरे प्रयास में हासिल हुई है। 2017 की परीक्षा में ये 353वें स्थान पर आए थे। मगर इनकी तमन्ना आईएएस बनने की थी। अपनी कामयाबी पर ये खुश हैं।

इनके पिता डा.दिलीप कुमार और माता ममता रमण बेटे की कामयाबी पर फूले नहीं समां रहे। अनुराग ने प्लस टू की पढ़ाई डीपीएस मथुरा रोड दिल्ली से पास की। इसके बाद श्रीराम कॉलेज दिल्ली से स्नातक की पढ़ाई की है।

जमुई के सिकंदरा गांव के वाशिंदें सुमित कुमार ने 53वीं रैंक हासिल कर अपने माता-पिता और अपने गांव व सूबे का नाम रौशन किया है। यह इनकी दूसरी कोशिश थी। इससे पहले 2017 की परीक्षा में इन्हें 493वीं रैंक मिली थी। पर इनकी ख्वाहिश आईएएस अफसर बनने की थी, जो इनकी लगन ने कामयाबी दिला दी।

इनके पिता सुशील कुमार गांव में ही छोटी-मोटी दुकान चलाते हैं। सुपौल किशनपुर ब्लॉक के आदिली गांव के सावन कुमार को दूसरे प्रयास में 89वीं रैंक हासिल हुई है। इन्होंने मुंबई से आईआईटी की पढ़ाई की है। ये भी सामान्य परिवार के हैं।

वहीं नालंदा के सौरभ सुमन यादव ने 55वीं रैंक हासिल की है। दीघा के वाशिंदें ऋषभ मंडल ने 58वां स्थान प्राप्त किया है। इन्होंने अपनी तैयारी किसी कोचिंग से नहीं बल्कि खुद लगन के साथ पढ़ाई कर यह मुकाम हासिल किया है। इनके पिता बैंक में नौकरी करते हैं और माता शिक्षिका हैं।

पटना नौबतपुर के रौशन कुमार 114वें स्थान पर आए हैं तो पटना के बुद्धा कॉलोनी के मेघा भूषण ने 150वीं रैंक हासिल की है। पटना के ही कमल नोपानी के बेटे आयुष नोपानी को 151वां स्थान मिला है। इनके पिता भी व्यापारी हैं। आयुष 2013 में हंसराज कॉलेज दिल्ली से स्नातक कर मलिन बस्ती के बच्चों को शिक्षित करने के वास्ते दिल्ली में ही एनजीओ चलाते हैं।

वैसे महेंद्रू निवासी लक्ष्मण कुमार 362 वीं रैंक पर आए हैं तो हाजीपुर के विवेक कुमार का रैंक 253वां है। दरभंगा के नित्यानंद झा 128वें स्थान पर रहे। बेगूसराय के गौरव गुंजन ने भी 262वां रैंक हासिल कर बिहार का मान बढ़ाया है।