Digvijay Singh on Sundarkand: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा का विवाद जारी है और विपक्षी दल सीएम योगी पर हमलावर हैं। वहीं अब मध्य प्रदेश में सुंदरकांड को लेकर नया बवाल हो गया है। भोपाल के एक थाने में सुंदरकांड का पाठ होता देख राज्य के पूर्व सीएम और दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नाराजगी जताई है।

दरअसल, दिग्विजय सिंह प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग को लेकर अशोका गार्डन थाने गए थे, जब वह अशोका गार्डन थाने में पहुंचे तो देखा कि वहां पर सुंदर कांड का पाठ करवाया जा रहा है। इसके बाद दिग्विजय सिंह थाने में सुंदर पाठ को लेकर भड़क गए और पुलिसवालों से इसको लेकर नाराजगी जताई।

दिग्विजय सिंह बोले – मुझे भी बता हैं नियम

दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम थाने में FIR दर्ज करवाने आए थे लेकिन वहां सुदंर पाठ कराया जा रहा था। मैं भी 10 साल तक मुख्यमंत्री रहा हू और यह कोई नियम नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी का कहना था कि उन्होंने सुंदर पाठ का आयोजन करवाया था क्योंकि एक आम व्यक्ति का जन्मदिन था। हमारे भी कार्यकर्ताओं का जन्मदिन आता है, अब उनका जन्मदिन भी हम थानों में मनाएंगे। साथ ही बकरीद का आयोजन भी हम थानों में ही करेंगे।

संविधान में हर धर्म की बात

वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति के जन्मदिन पर थाने में सुंदरकांड किया जाता है तो संविधान कहता है कि हर धर्म के लोगों और हमारे कार्यकर्ताओं को भी थाने में जन्मदिन मनाने की अनुमति मिलनी चाहिए। सरकार संविधान और सर्विस रूल के खिलाफ है। हमने तय किया है कि कांग्रेस का हर एक कार्यकर्ता अब अपने जन्मदिन पर हर थाने में अनुमित लेकर सुंदरकांड का पाठ कराएगा।

पूर्व सीएम ने कहा कि संविधान कहता है कि सभी धर्म को ये अधिकार है कि अगर सुंदरकांड का पाठ थाने मे हो सकता है तो फिर गुरुनानक जयंती पर भी होना चाहिए। बकरीद पर भी रोजा इफ्तार थाने में होना चाहिए।

बीजेपी ने बोला हमला

वहीं इस मुद्दे पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि वो तो वैसे ही सनातन विरोधी रहे हैं। अगर वो कह रहे हैं कि 10 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और उन्हें नियम पता है। ऐसे में जब कभी सड़क पर नमाज अदा होती थी तो उसका विरोध क्यों नहीं किया। मदरसों में जो गलत हो रहा उसका विरोध क्यों नहीं किया। थाने में सिर्फ सुंदर कांड हो गया तो इन्हें आपत्ति हो गई।