उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद श्याम चरण गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल पूछा है। कहा है कि राज्य सरकार ने जिस समिट का बढ़-चढ़ कर प्रचार किया, उसकी क्या वाकई में जरूरत थी। सीएम बताएं कि आखिर इस समिट से कितना फायदा हुआ है?
बता दें कि यह कार्यक्रम इसी साल फरवरी में हुआ था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। ताजा मामले में ‘एचटी’ से उद्योगपति से राजनेता बने गुप्ता बोले, “सीएम को इस कार्यक्रम से जुड़ी विस्तृत बैलेंस शीट भी पेश करनी चाहिए, जिसमें समिट पर हुए खर्च और उससे राज्य के उद्योगों को रोजगार पैदा करने में कितना फायदा हुआ, इस बात का जिक्र होना चाहिए।”
बकौल बीजेपी सांसद, “अगर सूबे की सरकार ने उद्योगों और छोटे स्तर की ईकाइयों को भरपूर बिजली मुहैया कराई होती, तो राजस्व पैदा करने के मामले में बेहतर नतीजे आए होते। अगर प्रयागराज में नैनी इंडस्ट्रियल बेल्ट व प्रदेश में अन्य वैसी ही ईकाइयों पर ध्यान दिया होता तो शायद बेरोजगारी की समस्या कुछ हद तक हल हो सकती थी और ‘मेक इन इंडिया’ के सपने को भी साकार करने में रफ्तार मिलती।”
उन्होंने आगे बताया, “मेरी औद्योगिक ईकाइयां (साझेदारी में) भी पर्याप्त बिजली न मिलने से प्रभावित हो रही हैं। हाल ही में मैंने स्विजरलैंड से अपनी आटा मिल में कुछ मशीनें मंगाई थीं। पर बिजली बार-बार आने और चले जाने को लेकर मैं घबराया हुआ हूं कि कहीं ये वोल्टेज का उतार-चढ़ाव उन्हें खराब न कर दे। मुझे लगता है कि बगैर जमीनी हकीकत का जायजा लिए इन्वेटर्स समिट के आयोजन से राज्य में उद्योगों को बढ़ावा मिलने में मदद नहीं मिलेगी।”
घोटाला भी आया सामनेः सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल इस समिट में हाल ही में एक घोटाला होने की खबर आई है। एक अखबार के मुताबिक, इस वजह से प्रदेश सरकार को तकरीबन साढ़े 85 लाख रुपए का नुकसान हुआ। रिपोर्ट्स के अनुसार, 125 से अधिक वाहन हफ्ते भर तक गमले इधर से उधर ले जाते रहे थे।