सेना से जुड़ी वस्तुएं, हथियार व वाहन देखने का शौक देश के हरेक व्यक्ति को होता है। आम इंसान जानना चाहता है कि सेना में किस तरह के हथियारों से हमारे सैनिक हमला करते हैं या फिर आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए सेना किन नई तकनीकों का प्रयोग करती है।

यही वजह है कि भारत मंडपम में आयोजित किए जाने वाले भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के 44वें संस्करण में सेना पवेलियन (मंडप) लगाए जाने की कवायद तेजी से की जा रही है। भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (आइटीपीओ) एक दशक पहले तक व्यापार मेले में सेना पवेलियन लगाता भी रहा है। आइटीपीओ के सूत्रों के अनुसार, सेना पवेलियन के लिए लगातार बैठकों का दौर जारी है।

सेना पवेलियन के लिए ज्यादा जगह की होगी आवश्यकता

ये निश्चित किया जाना बाकी है कि कितने बड़े स्थान और किस जगह पर सेना पवेलियन को लगाया जाएगा क्योंकि सेना पवेलियन के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता होगी। मालूम हो कि आइटीपीओ में पहले एक मेजर सेना पवेलियन का कार्यभार संभाला करते थे, जिसमें सेना से जुड़ी वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाता था और बड़ी संख्या में युवा सेना पवेलियन देखने आया करते थे। लेकिन भारत मंडपम के निर्माण के कारण जगह की कमी हो गई, व्यापार मेला तो लगा लेकिन जगह के अभाव के चलते सेना पवेलियन नहीं लगाया गया।

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सूत्रों का कहना है कि इस बार सेना पवेलियन होना लगभग तय है, सिर्फ अंतिम मुहर लगना बाकी है। बता दें कि भारत मंडपम में मेले का आयोजन 14 से 27 नवंबर तक किया जाएगा। इस साल मेले का विषय ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ रखा गया है।

चीन बनेगा व्यापार मेले का भागीदार

चीन व भारत के संबंध बीते कई सालों से काफी खराब हो गए थे, जिसके बाद व्यापार मेले में अपनी भागीदारी पर चीन ने रोक लगा दी थी।
लेकिन अब चीन से संबंध सुधरने के बाद चीन ने भी भागीदारी के लिए सहमति जाहिर कर दी है। चीन के अलावा इस साल दुबई, मिश्र, ईरान, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, टर्की और थाइलैंड जैसे करीब 12-13 देशों की भागीदारी सुनिश्चित हो गई है। वहीं इस साल बंगाल और सिक्किम को छोड़कर सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हिस्सा लेने वाले हैं।