उत्तर प्रदेश के बरेली में गुरुवार तड़के हुई पुलिस मुठभेड़ में इनामी बदमाश मारा गया। इस बदमाश का नाम इफ्तेखार उर्फ सोल्जर उर्फ शैतान है और उसके ऊपर दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज हैं जिसमें हत्या, लूट, हत्या की कोशिश जैसे केस शामिल हैं। इफ्तेखार के ऊपर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। फिलहाल, पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

एसएसपी अनुराग आर्य ने जानकारी दी है कि पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 1 लाख रुपये का इनामी डकैत शैतान उर्फ इफ्तेखार सोल्जर ढेर हो गया है। यह मुठभेड़ भोजीपुरा थाना क्षेत्र के बिलवा के पास हुई जिसमें राहुल नाम का एक सिपाही घायल हो गया है। पुलिस लंबे समय से इफ्तेखार की तलाश कर रही थी। गुरुवार तड़के पुलिस और एसओजी की टीम ने बिलवा कृषि फार्म के पास बदमाशों को घेर लिया।

पुलिस की जवाबी फायरिंग में इफ्तेखार को गोली लगी

पुलिस के मुताबिक बदमाशों ने फायरिंग की। पुलिस की जवाबी फायरिंग में इफ्तेखार को गोली लगी जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने फरार साथी की पहचान अभी गोपनीय रखी है। सूत्रों के अनुसार वह इफ्तेखार का पुराना सहयोगी है। नैनीताल रोड, बिलवा पुल और आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात कर कांबिंग की जा रही है। एसएसपी आर्य ने कहा, “फरार बदमाश को जल्द पकड़ लिया जाएगा। अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”

पढ़ें- आरोपी ने शख्स को मारी 3 गोलियां, कैमरे में रिकॉर्ड हुआ मर्डर

इफ्तेखार पर 7 जिलों में 19 मुकदमे दर्ज थे

इफ्तेखार पर 7 जिलों में कुल 19 मुकदमे दर्ज थे। पुलिस ने उसके पास से एक पिस्तौल, 2 मैगजीन, 17 कारतूस और 28 हजार रुपये बरामद किए हैं। इफ्तेखार 2012 में बाराबंकी में पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था। वह 2006 में बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र में एक पुजारी की हत्या और डकैती के मामले में भी वांछित चल रहा था। पुलिस के अनुसार, यह अपराधी दर्जनों नामों और पतों का इस्तेमाल कर जांच एजेंसियों को गुमराह करता रहा।

बताया जा रहा है कि इफ्तेखार के कई नकली नाम और पते थे। वह धूम उर्फ लड्डे उर्फ सोल्जर उर्फ लोधा उर्फ शैतान उर्फ शाकिर उर्फ रोहित पुत्र सादिक उर्फ साबिक नाम से जाना जाता था। वह मूल रूप से कासगंज के बरी चौक, कादरगंज रोड का निवासी था। साल 2006 में उसने बरेली के थाना फरीदपुर के पचौमी मंदिर के पुजारी की हत्या के बाद वह पकड़ा गया लेकिन साल 2012 में बाराबंकी जिले से पुलिस कस्टडी से फरार हो गया। इसके बाद वह आठ साल तक अंडरग्राउंड रहा। उस समय पर इफ्तेखार के सिर पर 50 हजार रुपये का इनाम था। यह इनाम बाद में बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया।

पढ़ें- कानपुर में मरकज मस्जिद के पास दो स्कूटी में धमाका, जांच में जुटी पुलिस