Bal Sant Baba Abhinav Arora: बाल संत अभिनव अरोड़ा के परिवार ने अपने बेटे को कथित रूप से ट्रोल करने के लिए 7 यूट्यूबर्स के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए मथुरा की कोर्ट में याचिका दायर की है। बच्चे की मां द्वारा दर्ज की गई आपराधिक शिकायत में सात यूट्यूबर्स को आरोपी के रूप में नामित किया गया है और आरोप लगाया गया है कि उन्होंने उसकी धार्मिक मान्यताओं का मजाक उड़ाने और उसे बदनाम करने के लिए दुर्भावनापूर्ण तरीके से वीडियो अपलोड किए।
शिकायत में उन पर उनकी निजता का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि आरोपी व्यक्तियों के आचरण ने वर्तमान शिकायतकर्ता को पूर्ण रूप से टूटने और परिवार द्वारा आत्महत्या करने की स्थिति में ला दिया है।
शिकायत में कहा गया है कि आरोपी व्यक्तियों के कृत्यों से शिकायतकर्ता के नाबालिग बच्चे को अत्यधिक भावनात्मक पीड़ा हुई है, विशेष रूप से यह देखते हुए कि शिकायतकर्ता का नाबालिग बच्चा केवल 10 साल का है। वह शारीरिक रूप से या ऑनलाइन परेशान या अपमानित होने के डर के बिना अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने या अपना दैनिक जीवन जीने में असमर्थ है।
अभिनव अरोड़ा इंस्टाग्राम पर काफी फेमस हैं, वे धार्मिक वीडियो बनाते हैं। लोग उनकी वीडियो को काफी पसंद करते हैं। अभिनव को 9 लाख से ज्यादा लोग इंस्टाग्राम पर फॉलो करते हैं। अभिनव अरोड़ा ने कहा, “देखिए, मैं यह चाहता तो नहीं था कचहरी में यूट्यूबर्स के खिलाफ केस करना, लेकिन यूट्यूबर्स ने मुझे ऐसा करने के लिए मजबूर किया। मैं एक कहानी के माध्यम से समझाता हूं। भगवान राम का इरादा खर-दूषण को मारने का नहीं था, लेकिन खर-दूषण ने इतना उत्पात मचाया कि भगवान राम को मजबूर होना पड़ा। उनको न्याय के लिए आगे बढ़ना पड़ा। हमें धमकाया जा रहा है और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इसका असर मेरे माता-पिता पर भी पड़ रहा है। मेरी भक्ति को फर्जी करार दिया जा रहा है।
पिछले कई सप्ताह से बाल संत अभिनव अरोड़ा के कई वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं और लोग उसकी प्रामाणिकता और आध्यात्मिक विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं।
कुछ लोगों ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि वह प्रसिद्धि और अन्य लाभों के लिए अपने माता-पिता के प्रभाव में आकर ऐसा कर रहे हैं। हाल ही में नाबालिग तब विवादों में आ गया जब उसका एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह एक धार्मिक नेता के सामने जोश से नाचता हुआ दिखाई दे रहा था। उसके व्यवहार से स्वामी रामभद्राचार्य भी नाराज़ हो गए और उन्होंने सार्वजनिक रूप से उसे डांटा दिया।
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मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यूट्यूबर्स बच्चों को निशाना बनाकर ऐसी सामग्री बनाकर पैसे कमा रहे हैं। इसमें यह भी दावा किया गया है कि यूट्यूबर्स हिंदू विरोधी हैं। आरोप है कि आरोपी एक हिंदू विरोधी तत्व है, और वीडियो की सामग्री हिंदू धर्म की प्रथाओं और मान्यताओं के खिलाफ नफरत को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई थी, जिससे उसके अनुयायियों के दिमाग में गलत भावना पैदा की जा सके।
इसमें कहा गया है कि आरोपी की हरकतें न केवल अपमानजनक हैं, बल्कि धार्मिक सद्भाव को बाधित करने और नफरत भड़काने का एक सुनियोजित प्रयास भी है। शिकायत में आपराधिक षड्यंत्र, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, धोखाधड़ी, आपराधिक मानहानि, आपराधिक धमकी और जबरन वसूली जैसे अपराधों के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने पहले भी पुलिस से संपर्क किया था, लेकिन पुलिस आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने में विफल रही।