माफिया से नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। हालांकि उसको जेल से बाहर निकल पाना मुश्किल है। उसके खिलाफ प्रयागराज के करेली थाने में और एक अन्य क्रिमिनल केस लंबित है और उसे उस मामले में जमानत मिलनी बाकी है। अली अहमद कौशांबी जिले के पूरामुफ्ती थाने में दर्ज हत्या के प्रयास मामले में आरोपी है और इन दिनों नैनी जेल में बंद है। जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने सोमवार को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद आदेश पारित किया।

कौशाम्बी में हत्या के प्रयास के मामले में जेल में बंद है अली

कौशांबी के पूरामुफ्ती थाने में अली अहमद के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (षड़यंत्र) और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अली अहमद ने जीशान नाम के एक शख्स को जान से मारने के लिए अपने साथियों को सुपारी दी थी। बाद में जीशान ने 31 जुलाई, 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई।

वकील बोले- आठ लोगों ने चलाई गोली, लेकिन लगी एक भी नहीं

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि प्राथमिकी में आरोप है कि आठ व्यक्तियों ने वादी पर गोली चलाई, लेकिन वादी को कहीं चोट नहीं आई जो लगभग असंभव है, इसलिए यह पूरा मामला मनगढ़ंत है। वकील ने कि याचिकाकर्ता 20 साल का युवा विद्यार्थी है और दो अगस्त 2022 से जेल में बंद है।

उधर, यूपी के बदायूं जिले के बिसौली क्षेत्र में एक छात्र की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी। इस मामले में एक दम्पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों ने दर्ज रिपोर्ट के हवाले से बताया कि बिसौली क्षेत्र के दिसौलीगंज गांव में 10वीं का छात्र ज्ञानेंद्र (17) सोमवार को गांव निवासी संजीव और उसकी पत्नी पूनम के बुलावे पर उनके घर गया था। कुछ देर बाद दम्पति ने ज्ञानेंद्र के परिजन को उसके बेहोश होने की सूचना दी थी। जब वह मौके पर पहुंचे तो ज्ञानेंद्र मृत अवस्था में पड़ा था। परिजन के मुताबिक उसके शरीर पर चोट के निशान भी थे। उन्होंने बताया कि मृतक के पिता शेर सिंह ने संजीव और उसकी पत्नी पूनम पर ज्ञानेंद्र की हत्या का आरोप लगाया है।