उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी की बांदा जेल में बंद कर दिया गया है। एक समय सरकार में अपनी पैठ रखने वाले अंसारी के उभरने में उनके साथियों का भी बड़ा हाथ रहा है। इनमें एक नाम उनके शूटर और दाहिने हाथ हनुमान पांडेय का भी रहा। पांडेय को पिछले साल ही अगस्त में यूपी पुलिस ने मुठभेड़ के बाद ढेर कर दिया था। योगी सरकार की अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ही पुलिस ने पांडेय पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।
कौन था हनुमान पांडेय, कैसे हुई अपराध की दुनिया में एंट्री?: बताया जाता है कि हनुमान पांडेय ऊर्फ राकेश शुरुआत से ही पढ़ाई में काफी तेज था। उसने 1993 में पॉलिटेक्निक करने के बाद इंजीनियरिंग के लिए एक कॉलेज में दाखिला लिया था। यहां पहले ही साल में उसका हॉस्टल में झगड़ा हो गया था, जिसमें उसने एक लड़के को पटक के जान से मार दिया था। इसके बाद ही हनुमान पांडेय की एंट्री अपराध की दुनिया में हुई।
कैसे हुई मुख्तार अंसारी से मुलाकात?: हनुमान को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया, जहां उसका संपर्क कई बड़े अपराधियों से हुआ। बताया जाता है कि यहां मौजूद लोगों ने उसकी मुलाकात मुख्तार अंसारी से कराई। हनुमान पांडेय का पहली बार किसी बड़ी घटना में नाम 2005 में आया था।
नवंबर 2005 में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद से भाजपा के विधायक कृष्णानंद राय की की गई हत्या में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी सहित छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। इसमें राकेश पांडेय का नाम भी शामिल था। इसके बाद से ही हनुमान पांडेय का नाम मुख्तार अंसारी गैंग के शार्प शूटर के तौर पर पहचाना जाने लगा।
लखनऊ के सरोजनी नगर में पुलिस ने किया था एनकाउंटर: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने के बाद अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति शुरू की गई। इसी के तहत पुलिस ने एक लाख के इनामी हनुमान पांडेय को लखनऊ के सरोजनी नगर में ढेर कर दिया। पांडेय को मुख्तार अंसारी के साथ ही मुन्ना बजरंगी का भी बेहद करीबी कहा जाता था। एनकाउंटर के वक्त उसके पास से 9 एमएम की पिस्टल और 32 बोर पिस्टल के साथ सात कारतूस और 2 मोबाइल मिले थे।