Bachhwara Assembly Election Result 2025: दूसरे चरण के मतगणना में बछवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस को पछाड़ते हुए बीजेपी के इस सीट से वर्तमान विधायक सुरेंद्र मेहता आगे निकल गए हैं। दूसरे चरण की काउंटिंग में वह 448 वोटों से आगे चल रहे हैं। पहले चरण में इस सीट से कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास 605 वोटों से आगे चल रहे थे।
बछवाड़ा सीट कभी कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का गढ़ मानी जाती थी। हालांकि 2020 में इस सीट पर पहली बार भारतीय जनता पार्टी को जीत हासिल हुई थी। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बेहद करीबी मुकाबले में इस विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि, पहले चरण की मतगणना में कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है और देखना दिलचस्प होगा की अंतिम काउंटिंग में यह सीट किसके खाते में जाती है।
Bihar Election Result 2025 LIVE: बिहार में NDA या महागठबंधन कौन मारेगा बाजी? वोटों की गिनती आज
बछवाड़ा से कौन है उम्मीदवार?
अगर हम 2025 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बछवाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक सुरेंद्र मेहता को ही उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने शिव प्रकाश गरीब दास को उम्मीदवार बनाया है। यह सीट इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि यहां पर कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया महागठबंधन में होने के बावजूद दोनों ही चुनाव लड़ रहे हैं। सीपीआई ने यहां पर अवधेश कुमार राय उम्मीदवार बनाया है।
| पार्टी | उम्मीदवार के नाम | वोट |
| भाजपा | सुरेंद्र मेहता | |
| कांग्रेस | शिव प्रकाश गरीब दास | |
| कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया | अवधेश कुमार राय |
2020 में पहली बार जीती थी बीजेपी
2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुरेंद्र मेहता ने 484 वोटों से जीत हासिल की थी। भाजपा के सुरेंद्र मेहता को 54,738 वोट मिले थे तो वहीं कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अवधेश कुमार राय को 54,254 वोट मिले थे। वर्तमान में कांग्रेस उम्मीदवार शिव प्रकाश गरीब दास तब निर्दलीय उम्मीदवार थे और उन्हें 39,878 वोट मिले थे। ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर 484 वोटों से जीत हासिल हुई थी।
| पार्टी | उम्मीदवार | वोट |
| बीजेपी | सुरेंद्र मेहता | 54,738 (जीत) |
| कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया | अवधेश कुमार राय | 54,254 |
| निर्दलीय | शिव प्रकाश गरीब दास | 12074 |
क्या है बछवाड़ा सीट का जातीय समीकरण?
बछवाड़ा विधानसभा सीट ओबीसी बहुल विधानसभा सीट मानी जाती है। यहां पर ओबीसी समुदाय की आबादी 56 फ़ीसदी के आसपास है तो वहीं 14 फीसदी दलित और 15 फ़ीसदी भूमिहार वोटर्स भी हैं।
