समाजवादी पार्टी के बड़े मुस्लिम फेस आजम खान करीब दो साल बाद मंगलवार को जेल से बाहर आ गए। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मीडिया से भी बात की। सीतापुर में न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में आजम खान ने मीर के शर के जरिए अपना हाल ए दिल बयान किया। उन्होंने कहा, “पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है…”
जब मीडिया ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के “सरकार बनने पर आजम खान के खिलाफ मुकदमे वापस ले लेंगे” वाले बयान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, “मैं क्या कह सकता हूं?”
अखिलेश यादव के किसी तरह की बातचीत को लेकर किए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी जेल से निकले थोड़ी देर हुई है। जेल से बातचीत नहीं हो पाती।
सियासत में भविष्य के रोल से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तो इलाज करेंगे, सेहत ठीक करेंगे, उसके बाद सोचेंगे कि क्या करना है। बसपा में शामिल होने के सवाल पर आजम खान ने कहा कि इस पर अभी कुछ नहीं कह सकता हूं।
क्या बीजेपी ने आजम खान के साथ बदले की राजनीति की?
इस सवाल के जवाब में आजम खाने ने कहा, “बदला तो वहां होता है, जहां मैंने किसी के साथ बुरा किया हो। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी बहुत अच्छा सुलूक किया। पूरी सरकार में कोई यह नहीं कह सकता कि मेरी कलम से किसी के साथ नाइंंसाफी हुई हो।”
आजम खान की रिहाई में क्यों हुई देरी?
सूत्रों के अनुसार, रामपुर की एक अदालत में कुछ मामलों में जुर्माना न चुकाने के कारण रिहाई में कुछ घंटों की देरी हुई। बाद में, जब रामपुर कोर्ट में 3000-3000 रुपये के दो जुर्माने जमा किए गए और उनकी डाक सीतापुर जेल भेज दी गई, तब खान को रिहा कर दिया गया।
इससे पहले, आज़म खान ने अपने वकील के जरिए शुक्रवार 19 सितंबर को सांसद-विधायक अदालत में उच्च न्यायालय का आदेश दाखिल किया था। इसके साथ ही डूंगरपुर समेत 19 मामलों में ज़मानत भी दाखिल की गई थी। अदालत ने आजम की ओर से दाखिल किए गए जमानत पत्रों का सत्यापन करने का आदेश दिया था।
सोमवार को पुलिस और राजस्व प्रशासन ने ज़मानत पत्रों का सत्यापन अदालत में दाखिल किया। इसके बाद एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने सीतापुर जेल अधीक्षक के लिए आज़म के 19 मामलों में रिहाई के आदेश जारी कर दिए।
क्यों जेल में थे आजम खान?
सपा नेता आजम खान पिछले 23 महीने से जेल में बंद थे। उनपर करीब 100 से ज्यादा केस दर्ज हैं। इन मामलों में से 12 में फैसला सुनाया जा चुका है, जिनमें पांच में उन्हें सजा हुई है जबकि सात में वे बरी कर दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनपर इस समय 59 मामले सेशन कोर्ट में जबकि 19 केस मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहे हैं।
आजम खान की कानूनी मुश्किलें साल 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले उनके खिलाफ दर्ज किए गए एक भड़काऊ भाषण के मामले से शुरू हुईं। यह केस उनके खिलाफ शुरू किए गए शुरुआती मामलों में से एक था। तब से उन्हें कई मामलों और मामलों में एक्शन का सामना करना पड़ा है। उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ भी कई मामले दर्ज किए गए हैं।
आजम खान 18 अक्टूबर 2023 को दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेजे गए थे। आजम खान के साथ उनकी पत्नी तंजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी जेल गए थे। अब्दुल्ला 17 महीने बाद जमानत मिलने पर जेल से बाहर आए थे।
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