समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक आजम खान और उनके परिवार की मुश्किलें अभी भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब आजम खान के बेटे और समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम का पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया गया है। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने ये आदेश दिया है और इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।

आकाश सक्सेना ने दर्ज करवाया था मुकदमा

रामपुर सदर से विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस कोतवाली में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आरोप लगाए गए थे कि अब्दुल्ला आजम के पास दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र और पासपोर्ट हैं। इसी मामले में मुकदमे का ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा है। इसके बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया गया, जिसमें अब्दुल्ला आजम के पासपोर्ट को जमा करने की मांग की गई थी।

अब्दुल्ला आजम के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताई लेकिन अदालत ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई से पहले अब्दुल्ला आजम अपना मूल पासपोर्ट कोर्ट में जमा करें। अदालत ने ऐसा आदेश इसलिए दिया है ताकि सबूत सुरक्षित रहें और जांच प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे। कोर्ट के आदेश के बाद माना जा रहा है कि अभी भी आजम खान के परिवार की मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं।

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23 महीने बाद जेल से रिहा हुए हैं आजम खान

बता दें कि बीते सितंबर को आजम खान 23 महीने बाद जेल से रिहा हुए हैं। आजम खान के खिलाफ 72 मामले दर्ज थे, जिनमें से सभी में उन्हें जमानत मिल गई है। 8 अक्टूबर को आजम खान से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलाकात की थी। दोनों नेताओं ने बंद कमरे में मुलाकात की थी।

समाजवादी पार्टी ने आजम खान को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया है। हालांकि आजम खान प्रचार के लिए अभी तक बिहार नहीं गए हैं। उनका कहना है कि उनकी सेहत ठीक नहीं है और वह इलाज करवा रहे हैं।