कश्मीरी गेट के पीपल के पेड़ के नीचे दस साल तक चाय बेचने वाला और ली मेरेडियन होटल में सामान की ढुलाई करने वाले सरदार अवतार सिंह को अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वे उत्तरी दिल्ली निगम के मेयर बन गए हैं। चुनाव में निर्विरोध चुने गए मेयर सिंह सिविल लाइंस वार्ड नंबर-81 से भाजपा के पार्षद हैं। सिंह कश्मीरी गेट श्री नवयुवक रामलीला कमेटी में भी महासचिव रहे। समाज सेवा की बदौलत ही तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने उन्हें दिल्ली गौरव पुरस्कार से नामांकित किया था।
निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में जब अवतार सिंह बतौर मेयर चुनकर पहली बार पार्षदों को संबोधित कर रहे थे तो अतिभावुक होकर कहा कि जब मैं अपने अतीत में झांकता हूं तो विश्वास भी नहीं होता कि निगम के सबसे महत्त्वपूर्ण पद माने जाने वाले मेयर बनना शायद हमारे भाग्य में लिखा था, इसलिए तमाम झंझावातों, संघर्षों कठिनाइयों और अच्छे बुरे बर्ताव के लिए सामाजिक ताने बाने बुनते, चुनते हुए इस पद तक पहुंचने का सौभाग्य मिला। सिंह इस समय मदरसा रोड कश्मीरी गेट में किराए के घर में रहते हैं। बतौर मेयर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने उनके कार्यों की तारीफ की और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
होटल में भी करते थे सामान की ढुलाई
अपने संघर्षमय जीवन के बारे में सिंह कहते हैं कि 1991 से 2001 तक वे कश्मीरी गेट के पास पीपल के पेड़ के नीचे चाय बेचा करते थे। इससे पहले वे ली मेरेडियन होटल में सामान ढ़ुलाई का काम भी कर चुके हैं। उन्होंने सत्यवती कॉलेज से स्नातक प्रथम और दूसरे सत्र की पढ़ाई करने के बाद, दिल्ली सरकार के संस्थान से स्टोर कीपिंग परचेंजिग का पाठयक्रम किया। सिंह का परिचय यहीं पर समाप्त नहीं होता। इस समय उनका अपना कोरियर सर्विस और कंप्यूटर डिजाइनिंग का व्यापार है। उनकी पत्नी मोहनजीत कौर मनप्रीत घरेलू तमाम कार्यों के बाबजूद इस व्यापार को संभालती हैं। अवतार सिंह निगम पार्षद हैं इसलिए उनका ज्यादातर समय सामाजिक गतिविधियों में बीतता है। जिस इलाके का वे प्रतिनिधित्व करते हैं वहां हिंदू, मुसलिम, सिख, ईसाई सभी समुदाय के लोग रहते हैं। एक तरफ अरबपति लोगों की कोठियां हैं तो दूसरी तरफ झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले फटेहाल लोगों का बसेरा।
सिंह कहते हैं कि इतना ही नहीं सिविल लाइंस के इस वार्ड में आजादी के बाद पहली बार भाजपा उम्मीदवार यहां से विजयी हुआ। उन्होंने कांग्रेस के दो बार के पार्षद विकास टांक को हजार से कम मतों से चुनाव में पराजित कर निगम में जगह बनाई थी। सिंह की बेटी रवलीन कौर इस समय सत्यवती कॉलेज में बीए दूसरे वर्ष की छात्रा हैं। वे कानून के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहती हैं, जबकि उनके बेटे गुणित सिंह होटल मैनेजमेंट करने के बाद इस समय पुराना मनाली में स्टार्टअप के जरिए एक गेस्ट हाउस चलाते हैं। वे कहते हैं कि दोनों बच्चों को उनके जीवन के संघर्ष के बारे में पूरी जानकारी है। लिहाजा वे जो भी करेंगे अपने भविष्य के लिए सोच समझकर ही करेंगे। हालांकि सिंह के ऊपर दिल्ली पुलिस में भी कई शिकायतें दर्ज हैं। अपने ऊपर लगे पुलिसिया शिकायत के बारे में वे कहते हैं कि यह सब राजनीतिक और सामाजिक कारणों से है।

