माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ को कब्रिस्तान में दफना दिया गया है। वहीं आखिरी समय में अतीक अहमद के दोनों बेटे कसारी मसारी कब्रिस्तान पहुंचे। प्रशासन ने दोनों बेटों को कब्रिस्तान भेजने का निर्देश दिया। अहजाम और अबान को कब्रिस्तान लाया गया, जहां पर दोनों बेटों ने अपने पिता को आखिरी बार मिट्टी दिया।

दोनों बेटों को बाल सुधार गृह से कब्रिस्तान लाया गया

दोनों बेटों को बाल सुधार गृह से लाया गया। वहीं अशरफ की दोनों बेटियां भी कब्रिस्तान पहुंची। कसारी-मसारी कब्रिस्तान में अतीक और अशरफ को दफनाया गया। वहीं परिवार के अलावा अन्य किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। सबको बाहर रोक दिया गया है। कोई कितना भी करीबी दोस्त क्यों ना हो, उसे कब्रिस्तान के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।

अतीक अहमद के जनाजे की नमाज में केवल करीबी लोगों के ही मौजूद रहने की इजाजत दी गई। पुलिसकर्मी सबसे पूछताछ करने के बाद ही किसी को अंदर जाने की इजाजत दे रहे थे। इसको लेकर कई लोग प्रशासन से भिड़ भी गए कि वह मिट्टी देना चाहते हैं और उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं मिल रही है। लेकिन पुलिस ने साफ कर दिया है कि कोई कितना भी करीबी क्यों ना हो, अंदर जाने की इजाजत सिर्फ अतीक अहमद के परिवार वालों को ही दी जाएगी।

अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के भी कब्रिस्तान पहुंचने की खबर थी। सूत्रों के अनुसार वहीं पर वो सरेंडर कर सकती थीं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शाइस्ता परवीन पर 50 हजार का इनाम है और 24 फरवरी से ही वो फरार है। दफनाने के पहले अतीक अहमद और अशरफ अहमद के चेहरे को उनके परिवार वालों को दिखाया गया और उसके बाद उन्हें दफनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। दो कब्र खोदी गई। एक 7.3 फुट की है और 7.4 फुट की थी।

तीन हमलावरों ने चलाई थी गोली

अतीक अहमद और अशरफ पर गोली चलाने वालों का नाम लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य है। इन तीनों हमलावरों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं सनी सिंह का सुंदर भाटी गिरोह के साथ कनेक्शन सामने आ रहा है।