उमेश पाल हत्याकांड में वांछित अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर मोहम्मद गुलाम का यूपी एसटीएफ ने गुरुवार (13 अप्रैल) को एनकाउंटर कर दिया। वहीं, अतीक के वकील ने बताया कि नाना और मौसा के अलावा कुछ रिश्तेदार ही शुक्रवार को असद के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। प्रयागराज में असद का जनाजा निकलेगा लेकिन अतीक शामिल नहीं हो सकेगा। हालांकि, अतीक ने असद को पनाह देने के लिए माफिया डॉन अबू सलेम के करीबियों के अलावा दिल्ली के एक बड़े राजनेता की मदद भी ली थी।

अबू सलेम के गुर्गों ने किया था असद के पुणे में रुकने का इंतजाम

उमेश पाल के मर्डर के बाद असद अहमद और शूटर गुलाम को पनाह देने के लिए अतीक ने अंतरराष्ट्रीय माफिया डॉन अबू सलेम के करीबियों के अलावा दिल्ली के एक बड़े राजनेता की मदद भी ली थी। अबू सलेम ने गुर्गों ने असद के पुणे में रुकने के लिए ठिकाने का इंतजाम किया था। मायावती सरकार के दौरान जब अतीक पर पुलिस ने शिकंजा कसा था, तब भी उसे मुंबई में अबू सलेम के गुर्गों ने पनाह दी थी।

जेल से अशरफ दे रहा था इंस्ट्रक्शन

रिपोर्ट के मुताबिक अतीक अहमद ने साबरमती जेल में बैठे-बैठे ही असद को लेकर तैयारी की थी। अतीक का भाई अशरफ जेल से ही फेसटाइम ऐप के जरिए शूटरों से संपर्क में था और उन्हें कहां जाना है, किसके यहां रुकना है, इसका निर्देश दे रहा था। जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की हत्या करने के बाद असद और गुलाम प्रयागराज से कानपुर और फिर मेरठ में होते हुए नोएडा पहुंचे। कुछ दिन नोएडा में रहने के बाद दोनों अपराधी राजधानी दिल्ली में चले गए। वहां पर एक बड़े नेता ने दिल्ली के संगम विहार में उनके रहने का इंतजाम कराया था।

अतीक अहमद को पुलिस कस्टडी से भगाने की फिराक में थे

असद और गुलाम दोनों 14 मार्च तक दिल्ली में रुकने के बाद अजमेर निकल गए। इसके बाद अशरफ ने बरेली जेल से फेसटाइम के जरिए असद को नासिक जाने के लिए कहा। नासिक से असद और गुलाम पुणे पहुंचे, जहां अबु सलेम के करीबियों ने दोनों के रुकने का इंतजाम करवाया। दोनों को पैसों की जरूरत हुई तो असद की मां शाइस्ता ने मेरठ में रहने वाले अखलाक को भेजा था। महाराष्ट्र पुलिस के असद और गुलाम की तलाश में जुटने के बाद दोनों वापस दिल्ली आ गए और वहां से झांसी पहुंचे। असद और गुलाम यहां पारीछा बांध पर बने पावर प्लांट के पास गुड्डू मुस्लिम के करीबी के यहां रुके। गुड्डू मुस्लिम फिलहाल फरार है और पुलिस ने उसके ऊपर इनाम भी घोषित किया है।

सूत्रों के मुताबिक असद और गुलाम अतीक अहमद को पुलिस कस्टडी से भगाने की फिराक में थे। उनकी कोशिश की थी जब पुलिस अतीक को झांसी से लेकर गुजरेगी तो उसके काफिले पर हमला कर उसे छुड़ा लेंगे। उनके पास अत्याधुनिक हथियार भी थे लेकिन इससे पहले वो अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते पुलिस ने उन्हें एनकाउंटर में ढेर कर दिया।