नए साल के आगमन के साथ ही नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन्स-NRC) के एक हिस्से का प्रकाशन भी कर दिया गया है। असम सरकार ने रविवार को रात में इस हिस्से को प्रकाशित किया। इसमें राज्य के एक करोड़ नब्बे लाख लोगों के नाम को शामिल किया गया है, जबकि इसके लिए 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था। इन सभी ने विभिन्न दस्तावेज दिए हैं जिससे उनका नाम भारतीय नागरिकों के रजिस्टर में आ सके। महा पंजीयक (रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया) शैलेश ने पहला हिस्सा जारी करते हुए रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाकी बचे लोगों का वैरिफिकेशन अभी किया जा रहा है।

इस लिस्ट में अपने नाम का पता लगाने के लिए लोगों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी। एनआरसी को चार वेबसाइटों पर जारी किया गया है। लोग एक एसएमएस के जरिए भी इस बात का पता लगा सकते हैं कि लिस्ट में उनका नाम है या नहीं। इसके अलावा एनआरसी के मसौदे की एक हार्ड कॉपी का एनआरसी सेवा केंद्रों में भी प्रदर्शन किया जाएगा, जहां लोग अपना नाम देख सकेंगे। एनआरसी के राज्य संयोजक कार्यालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया कि सूची में शामिल नामों को इन वेबसाइट पर देखा जा सकता है- http://www.nrcassam.nic.in, http://www.assam.gov.in, http://www.assam.mygov.in और ‘homeandpolitical.assam.gov.in’।

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बता दें कि रविवार को एनआरसी के केवल एक ही हिस्से का प्रकाशन हुआ है। अगर किसी का नाम अभी नहीं आया है, तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसका केवल इतना ही अर्थ है कि उसका नाम अभी वेरिफिकेशन के चरण में है। एनआरसी में सुधार की प्रक्रिया सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन और निर्देशों के तहत 2013 में शुरू हुई थी। आल असम स्टूडेंट यूनियन ने ड्राफ्ट के जारी होने का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘विदेशी मुक्त असम की दिशा में पहला कदम है। असम समझौते पर हस्ताक्षर के 38 साल बाद यह सामने आया है। यह राज्य के मूल निवासियों का इकलौता संवैधानिक रक्षक बनने जा रहा है।’