असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी NRC के फाइनल ड्राफ्ट से बाहर किए गए 40 लाख लोगों में से 30 लाख ने सोमवार को अपना नाम शामिल कराने के लिए आवेदन दाखिल किया है। इससे पहले जब पांच महीने पहले एनआरसी तैयार किया गया था तो उसमे इन लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया था। उल्लेखनीय है कि ड्राफ्ट से बाहर किए गए लोगों को दावे या आपत्ति के लिए मौका दिया गया था।

10 लाख लोगों ने क्यों नहीं किया नागरिकता का दावाः इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले लिखा है कि जिन 10 लाख लोगों ने कोई दावा नहीं किया उनमें वो शामिल हैं वे यहां के मूल नागरिक नहीं हैं जो पहले रजिस्टर में शामिल होने की कोशिश कर चुके हैं। करीब 700 आपत्तियां ऐसी भी आईं जिनमे लोगों ने दूसरों की नागरिकता पर सवाल खड़े किए हैं। इस प्रक्रिया की निगरानी कर रही सुप्रीम कोर्ट ने दावे या आपत्ति के लिए 31 दिसंबर की तारीख तय की थी। आवेदनों के सत्यापन का काम 15 फरवरी से शुरू होना है।

जून 2019 तक तैयार होगी अंतिम सूचीः उल्लेखनीय है कि एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में असम के कुल 3.29 करोड़ लोगों में से 40,47,707 लोगों को जगह नहीं मिली। 30 जुलाई 2018 को एनआरसी को जारी किया गया था। एनआरसी की अंतिम सूची जारी करने की आखिरी तारीख जून 2019 है। नाम में हुई किसी भी तरह की गलती को 2 जनवरी से 31 जनवरी के बीच सही कराया जा सकता है। असम एनआरसी को लेकर असम से पश्चिम बंगाल और दिल्ली तक के सियासी गलियारों में खूब बवाल हुआ था।