असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Assam Chief Minister Himanta Biswa Sarma) ने सोमवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने बाल विवाह के खिलाफ ‘बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी अभियान’ शुरू करने का फैसला किया है। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि लिए गए फैसलों में 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर POCSO अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सभी ग्राम पंचायत सचिवों को उनके गांवों में बाल विवाह की घटनाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिम्मेदार बनाया जाएगा।
पांच साल के भीतर हमारा राज्य बाल विवाह से मुक्त हो जाए- असम सीएम
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “यह हमारे शासन में प्राथमिकता होगी ताकि पांच साल के भीतर हमारा राज्य बाल विवाह से मुक्त हो जाए। यह एक तटस्थ और धर्मनिरपेक्ष कार्रवाई होगी क्योंकि यह किसी भी समुदाय के प्रति लक्षित नहीं होगी। हालांकि धुबरी और दक्षिण सलमारा जिलों में संख्या अधिक है, इसलिए वहां कार्रवाई अधिक हो सकती है।”
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह दंडात्मक अभियान राज्य में उच्च मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को रोकने के उद्देश्य से है। 2022 में भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2018 और 2020 के बीच प्रति 1 लाख जीवित जन्मों पर 195 मौतों के साथ असम में देश में सबसे अधिक MMR है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) -5 के अनुसार असम राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में IMR के मामले में तीसरे नंबर पर है।
15 से 19 साल के बीच की महिलाओं पर एनएफएचएस-5 के आंकड़ों का हवाला देते हुए ‘जो पहले से ही मां थीं या सर्वेक्षण के समय गर्भवती थीं’, हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “असम में कम उम्र में गर्भवती होने वाली लड़कियों की संख्या 11.7% है। इसका मतलब है कि असम में अभूतपूर्व तरीके से बाल विवाह हो रहा है। जब हम थोड़ा करीब से देखते हैं, तो धुबरी में 22.4% लड़कियों की न सिर्फ शादी हो रही है, बल्कि उन्हें कम उम्र में मां भी बनना पड़ रहा है।” (यह भी पढ़ें: असम सीएम बिस्वा सरमा, शाहरुख खान को लेकर लेकर दिए गये बयान की वजह से सुर्ख़ियों में हैं।)
लड़कियों की शादी प्रतिबंधित उम्र में हो रही- असम सीएम
कुछ अन्य जिलों में 15 से 19 के बीच युवा माताओं का प्रतिशत सूचीबद्ध करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह दक्षिण सलमारा में 22%, डारंग में 16.1%, कामरूप में 15.7%, होजई में 15.6%, बोंगाईगांव में 15.4%, नागांव में 15%, और बारपेटा में 14.2% हैं। उन्होंने कहा, “धुबरी में 50% शादियां कानूनी उम्र से पहले हो रही हैं। असम में बाल विवाह का औसत 31% है। जोरहाट और शिवसागर, जिन्हें हम काफी प्रगतिशील जिले मानते हैं, वहां 24.9% लड़कियों की शादी प्रतिबंधित उम्र में हो रही है।”
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला किया है कि जिन मामलों में पुरुष 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करते हैं, उन पर पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। उन मामलों में बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 (Prohibition of Child Marriage Act, 2006) के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी, जहां लड़की की उम्र 14 से 18 के बीच है।