असम के शिक्षा और वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार राज्य में चल रहे सभी सरकारी मदरसों और संस्कृत पढ़ाई वाले ‘तोल’ को बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार धार्मिक आधार पर दी जाने वाली शिक्षा के लिए सरकारी फंड्स नहीं खर्च करेगी। बता दें कि असम सरकार अभी 614 मदरसे और 100 संस्कृत स्कूल चलाती है।
शर्मा ने कहा कि हमने अपनी सरकार की नीति पहले ही विधानसभा में बता दी थी। इसके तहत अब सरकार की फंडिंग से कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी। प्राइवेट संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे मदरसों और संस्कृत तोलों पर हमारी तरफ से कुछ नहीं कहा जा सकता। शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार इस बारे में एक आधिकारिक नोटिफिकेशन नवंबर में ही जारी कर देगी।
असम के शिक्षा मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि सरकारी मदरसों को बंद करने के बाद जो 48 शिक्षक कार्यमुक्त होंगे, उन्हें शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले फरवरी में भी उन्होंने इस नियम को लागू करने की बात की थी। साथ ही कहा था कि धर्मनिरपेक्ष देश में किसी भी धार्मिक शिक्षा के लिए सरकारी फंड नहीं खर्च किया जा सकता।
असम सरकार के इस फैसले पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला खराब है और अगर मदरसों को बंद किया जा रहा है, तो उनकी पार्टी 2021 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद ऐसे कदम उठाएगी जिससे यह संस्थान दोबारा शुरू हो जाए।

