पूर्वोत्तर राज्य असम में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। गुवाहाटी में पानी का स्तर हर घंटे तीन सेंटीमीटर तक की रफ्तार से बढ़ रहा है। सोमवार (15 जुलाई) को राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान को पार कर गई। केंद्रीय जल आयोग के सादिक-उल हक ने एएनआई से बातचीत में कहा, ‘खतरे के निशान से 1.5 सेंटीमीटर ऊपर पानी बह रहा है। हर घंटे पानी के स्तर में 2 से 3 सेंटीमीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। लगातार बढ़ता जलस्तर शहर के लिए खतरनाक हो सकता है।’
26 लाख लोगों पर बुरा असरः इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक असम में इस साल बाढ़ के चलते मृतकों की संख्या बढ़कर 11 तक पहुंच गई है। भारी बारिश के चलते राज्य के 33 में से 31 जिलों में जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। लगातार बिगड़ते जा रहे हालातों से करीब 26.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम में हर साल बाढ़ से स्थिति बिगड़ती है लेकिन इस बार हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने दिया मदद का भरोसाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बाढ़ के हालात की समीक्षा के लिए राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल से बातचीत की। सीएम सोनोवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को स्थिति से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने उन्हें केंद्र सरकार की तरफ से हालात से निपटने में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
मेघालय में भी बिगड़ी स्थितिः राज्य में बारपेटा जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां करीब 7.35 लाख लोगों पर इसका असर पड़ा है। इसके बाद मॉरीगांव में 3.5 लाख, धुबरी में 3.38 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। ये आंकड़े असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के हैं। असम का विश्व प्रसिद्ध कांजीरंगा नेशनल पार्क भी पानी से भर गया है। यहां का 70 फीसदी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। वहीं पड़ोसी राज्य मेघालय में भी हालात सामान्य नहीं हैं। ब्रह्मपुत्र और जिंजिराम नदियों में लगातार बढ़ते पानी के चलते 164 गांवों के 1.14 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।