असम के तिनसुकिया जिले में ऑयल इंडिया लिमिटेड (ऑयल) के बाघजन कुएं के पास बुधवार को भीषण विस्फोट हुआ जिसमें एक माह से भी ज्यादा वक्त से कुंए में लगी आग को बुझाने के काम में लगे तीन विदेशी विशेषज्ञ घायल हो गए।
ऑयल इंडिया लिमिटेड के लोक संपर्क मामलों के वरिष्ठ प्रबंधक जयंत बोरमुदोई ने बताया कि विशेषज्ञों को डिब्रूगढ़ के एक अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों की पहचान एंथनी स्टीवन रेनॉल्ड्स, डग डलास और क्रेग नील डंकेन के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ कुएं की आग को बुझाने के काम में लगे थे उसी वक्त विस्फोट हुआ।
गौरतलब है कि कुएं में 28 मई से गैस निकलने के बाद उसने नौ जून को आग पकड़ ली जिसमें अग्निशमन दल के दो लोगों की मौत हो चुकी है। विस्फोट के बाद बाघजन में आग बुझाने के काम को रोक दिया गया है। इससे पहले ऑयल इंडिया लिमिटेड के दो फायरफाइटर को पिछले महीने साइट के पास एक वेटलैंड में मरे पाए गए थे।
आग इतनी भीषण थी कि 10 किमी दूर से इसकी लपटे दिख रही थीं। एक अधिकारी ने कहा, “उनके शव साइट के पास एक वेटलैंड से बरामद किए गए. ऐसा माना जा रहा है कि वे पानी में कूद गए और डूब गए क्योंकि उनके शरीर पर जलने के निशान नहीं थे।”
अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के कारणों और उसकी प्रकृति के बारे में पता किया जा रहा है। मामले के बारे में विस्तृत जानकारी आने के बाद अतिरिक्त सूचना दी जा सकेगी। इससे पहले आग लगने की घटना के बाद तेल कुएं के 1.5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले हजारों लोगों को राहत शिविरों में भेज दिया गया था।
कंपनी की तरफ से विस्थापित लोगों को 30,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की गई थी। स्थानीय लोगों ने पिछले महीने तेल क्षेत्र से मुश्किल से 3 किमी दूर डिब्रू-साइकोवा नेशनल पार्क में डॉल्फिन और अन्य जलीय जीवों के शवों की तस्वीरें साझा की थीं।
(भाषा इनपुट के साथ)