असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शनिवार (11 जून) कहा कि भाजपा की अगुवाई वाल नई असम सरकार को पिछले कांग्रेस शासन से विरासत में 10,000 करोड़ रुपए की देनदारियां मिली हैं और उन्होंने इस संकट से उबरने के लिए केंद्रीय सहायता मांगी। सोनोवाल ने शनिवार (11 जून) यहां 25 मिनट की भेंट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बात बताई। प्रधानमंत्री को राज्य की ‘बदहाल’ वित्तीय स्थिति पर एक ज्ञापन और श्वेत पत्र सौंपते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को पिछली तरूण गोगोई सरकार से 10,000 करोड़ रुपए की देनदारियां मिलीं जिसे (हमें) चुकानी ही चुकानी है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केवल केंद्र सरकार पर निर्भर रहने के बगैर आतंरिक संसाधनों में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित कर रही है लेकिन राज्य की वर्तमान बदहाल वित्तीय स्थिति के लिए केंद्र से खासकर संक्रमण के इस दौर में विशेष सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपनी सीमित क्षमता और संसाधनों के अंदर अदरूनी ताकतों का दोहन करने की कोशिश कर रही है जिससे अंदरूनी संसाधन जुटाया जा सके और निवेश आकर्षित किया जा सके। नई सरकार अहम क्षेत्रों में निवेश पर बल देते हुए सार्वजनिक वित्त प्रबंधन में संस्थागत सुधार पर ध्यान रही हैं। वह बड़े पैमाने पर आईटी आधारित प्रणाली पर जोर रहे हैं जिसमें मानव का न्यूनतम हस्तक्षेप हो। उसका ध्यान राजस्व संग्रहण की निगरानी पर भी है।

सोनोवाल ने कहा कि समयबद्ध कार्ययोजना का फल दो तीन साल बाद ही मिलेगा। अंतरिम अवधि में विकास पर ध्यान देने की जरूरत है, ऐसे में राज्य को प्रतिबद्ध देनदारियों के वास्ते 10000 करोड़ रुपए की जरूरत है। ये देनदारियां लंबी समयावधि एवं कर्मचारियों के वेतनमान संशोधन से उत्पन्न हुई हैं। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार सोनोवाल के अनुरोध के बाद प्रधानमंत्री ने राज्य की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल बदलाव के लिए नई सरकार को पूरी मदद और सहयोग का आश्वासन दिया। बाद में सोनोवाल वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले और उन्होंने असम के वित्तीय संकट से उबरने में केंद्र से वित्तीय सहायता मांगी।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से भेंट की। सूत्रों ने बताया कि उनकी ये दोनों मुलाकातें शिष्टाचार भेंट थीं। सोनोवाल ने 24 मई को असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। असम स्थानांतरित होने से पहले सोनोवाल केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री और लोकसभा सदस्य थे। सोनोवाल ने प्रधानमंत्री से कहा कि उनकी सरकार ने परवर्तित असम के वास्ते संसाधनों में वृद्धि के लिए तंत्र और प्रणाली में नया स्वरूप लाने का फैसला किया है और उसके लिए वह सुधारों , नीतियों, कानूनों और प्रशासन को नया स्वरूप प्रदान कर राजस्व संग्रहण को तार्किक बनाएगी तथा बाहरी सहायताप्राप्त परियोजना से बड़े पैमाने पर अतरिक्त संसाधन जुटाएगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से सड़कों, नदी, बिजली और आईटी तथा सेवा जैसे क्षेत्रों की बुनियादी परियोजनाओं के वास्ते वित्तीय सहायता का अनुरोध किया। उन्होंने उनसे राज्य के लिए 10,000 करोड़ रुपए की कच्चे तेल रॉयल्टी भी जारी करने का अनुरोध किया।